शक्ति का उपयोग समाज सेवा तथा राष्ट्रहित में हो – मुनि विराग सागर
धर्म के मर्म को समझने वाला ही विकारों पर पता है विजय- मुनि विराग सागर

जैन मुनियों से आशीर्वाद लेने पहुंचे सर्व गुजराती समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतेश गांधी
धमतरी (प्रखर) भगवान महावीर स्वामी के संदेश को आत्मसात करते हुए जैन तप को 171 उपवास करते हुए समाज के समक्ष प्रमाणित रूप से प्रस्तुत कर धर्म व आध्यात्मिक क्षेत्र में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करने वाले मुनी विराग सागर जी जो कि खरतर विभूषण व्याख्यान वाचस्पतिपूज्य गुरुदेव जयानंद मुनि जी म.सा.के शिष्य रत्न खरतर गणाधीश विनय कुशल मुनि जी म.सा.के शिष्य रत्न महा तपस्वी महा पराक्रमी भीष्म अभिग्रहधारी विराग सागर मुनि जी म.सा. सहित आदि ठाना साधु-संतों का नगर आगमन नवपद ओली उत्सव में शामिल होने हुआ है इसी तारतम्य में स्थानीय इतवारी बाजार स्थित जैन मंदिर में मुनि विराग सागर जी महाराज से आशीर्वाद लेने के लिए सर्व गुजराती समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतेश गांधी सहित नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा स्थानक जैन समाज के अध्यक्ष रमन लोढ़ा ,आशीष बंगानी पहुंचे मुनिश्री ने उपस्थित जनों से कहा कि सार्वजनिक जीवन में शक्ति का उपयोग समाज सेवा तथा राष्ट्रहित में होना चाहिए इससे समाज में प्रगति शांति परस्पर प्रेम का प्रादुर्भाव होता है और इसे ही राष्ट्र का विकास तथा मानव का उत्थान समाहित है उन्होंने आगे कहा कि धर्म के मर्म को सच्चे अर्थ में समझने वाला ही जीवन में सुख शांति को प्राप्त करता है और यही सात्विकता का आधार है श्री गांधी सभी मुनि जनों से आशीर्वाद लेते हुए उन्हें नमन कर अश्वस्त किये कि समाजहित के लिए वे हमेशा समर्पित भाव से कार्य करते रहेंगे।