छत्तीसगढ़

संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज का पावन पदार्पण विहंगम योग संत समाज की स्थापना का शताब्दी समारोह महोत्सव

28 जुलाई को हरदिहा साहू समाज भवन रत्नाबांधा मे है आयोजन

धमतरी (प्रखर) संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज का पावन पदार्पण विहंगम योग संत समाज की स्थापना का शताब्दी समारोह महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त कन्याकुमारी से कश्मीर तक राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा के शुभ अवसर पर स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक, सद्गुरु उत्तराधिकारी सुपुज्य संत प्रवर  विज्ञानदेव जी महाराज का पावन पदार्पण दिनांक 28 जुलाई 2024 दिन रविवार समय प्रात: 11 बजे से हरदिहा साहू समाज भवन रत्नाबांधा रोड धमतरी में होने जा रहा है। विहंगम योग अद्वितीय है, दुर्लभ है।विहंगम योग वास्तव में योग का सत्य मार्ग है। योग कहते है - आत्मा एवं परमात्मा के मिलन को। विहंगम योग सनातन वैदिक मार्ग है। यह प्रत्यक्ष अनुभव का मार्ग है। विहंगम योग के प्रणेता अमर हिमालया योगी अनंत श्री सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज ने अपने भौतिक शरीर का परित्याग झूंसी, प्रयाग स्थित आश्रम पर योग मुद्रा में स्थित होकर किया था। और पंद्रह मिनटों तक आकाशवाणी कर उपस्थित भक्तजनों को आश्चर्य चकित कर दिया था। विहंगम योग के द्वारा मानव जीवन के पुरुषार्थ चतुष्टय धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। विहंगम योग की साधना पद्धति विश्व में सर्वोत्कृष्ट है। साधना पद्धति के मात्र 15 मिनट के नियमित अभ्यास से जुड़कर आज विश्व के लाखों व्यक्ति अपना सर्वांगीण विकास कर रहे हैं। इस सुअवसर पर संत प्रवर जी के पावन सान्निध्य में जय स्वर्वेद कथा, दिव्यवाणी का लाभ प्राप्त होगा। स्वर्वेद विश्व का अद्वितीय आध्यात्मिक महान सद्ग्रन्थ है। जिसके पठन मात्र से ही अशुभ संस्कारों का नाश एवं शुभ संस्कारों का उदय होना प्रारंभ हो जाता है। स्वर्वेद में प्रकृति से परमात्मा प्राप्ति तक का ज्ञान उपलब्ध है। संत प्रवर जी का स्वागत दिव्य एवं भव्य रूप से मेन्नोनाइट स्कुल मैदान से कार्यक्रम स्थल तक किया जाना है। इस सेवा , सत्संग एवं साधना की दिव्य त्रिवेणी में सपरिवार उपस्थित होकर जीवन के सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर हों।

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