वक्फ : कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका, असंवैधानिक घोषित करने की मांग

वक्फ : कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका, असंवैधानिक घोषित करने की मांग
नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड संशोधित कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। उत्तर प्रदेश के रहने वाले तैय्यब खान सलमानी एंड अंजुम कादरी ने ये याचिका दायर की है। याचिका में कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है।
इससे पहले शनिवार को आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने वक्फ बिल के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज कराई थी। इससे पहले शुक्रवार को भी सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं लगाई गईं थीं, पहली बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद की और दूसरी एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी की थी। वहीं, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा था कि कांग्रेस और हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और उनके साथ ही तमिलनाडु की डीएमके ने भी वक्फ के खिलाफ याचिका लगाने की बात कही थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को शनिवार को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही यह विधेयक कानून में बदल गया। बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा में इसी हफ्ते इस विधेयक को पारित किया गया था। इस विधेयक के बारे में सरकार ने दावा किया है कि इससे देश के गरीब एवं पसमांदा मुसलमानों एवं इस समुदाय की महिलाओं की स्थिति में सुधाार लाने में काफी मदद मिलेगी। लोकसभा में यह विधेयक बुधवार देर रात जबकि राज्यसभा में यह गुरुवार देर रात पारित हुआ था। इसी के साथ संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी थी।
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया था और कहा था कि वक्फ की संपत्तियां अल्लाह की मानी जाती हैं। इसका इस्तेमाल गरीबों, जरूरतमंदों और जनहित के लिए होना चाहिए। गैर मुस्लिमों का भी वक्फ की संपत्तियों में बराबर का हक है।
पर्चे फाड़े, काले कोट लहराए, वक्फ कानून पर जम्मू-कश्मीर की असेंबली में बड़ा बवाल
श्रीनगर। वक्फ संशोधन बिल अब कानून बन चुका है लेकिन इसको लेकर बवाल जारी है। वक्फ कानून पर जम्मू कश्मीर विधानसभा में भारी हंगामा हुआ है। यह हंगामा विपक्ष ने नहीं, सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस के विधायकों ने किया है। आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेशनल कांफ्रेंस के विधायक ने इस कानून के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की। जब बीजेपी विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया तो नेशनल कांफ्रेंस के विधायक नारेबाजी करने लगे। इस मुद्दे पर महबूबा मुफ्ती की पार्टी के विधायक भी नेशनल कांफ्रेंस के साथ में दिखे। तो वहीं बीजेपी ने इसे संविधान विरोधी करार दिया।
क्या बोले स्पीकर?
विधानसभा अध्यक्ष राथर ने सदन के नियम 58 का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए प्रश्नकाल स्थगित कर इस पर चर्चा नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, “मैं सदन में स्थगन की अनुमति नहीं दे सकता क्योंकि मामला न्यायालय में लंबित है।” अध्यक्ष की इस टिप्पणी के बाद नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी के सदस्यों ने विरोध जताया और प्रश्नकाल के स्थगन की मांग पर अड़े रहे और अध्यक्ष के आसान की ओर आगे बढ़ गये। हंगामा थमते न देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।