राष्ट्रीय

बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरसेगा पाकिस्तान, गृह मंत्री शाह और जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल की बैठक में बनी रणनीति

बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरसेगा पाकिस्तान, गृह मंत्री शाह और जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल की बैठक में बनी रणनीति

नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकी हमला और बेगुनाहों की बेरहमी से हत्या पाकिस्तान को भारी पड़ रही है। भारत सरकार ने सिंधु नदी जल समझौते को तोड़ दिया है और इस बात की तैयारी शुरू कर दी है कि पाकिस्तान को बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरसा दिया जाए। इस मामले को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ बैठक की है। दोनों नेताओं की बैठक में इस बात पर विस्तार से चर्चा की गई है कि एक बूंद पानी भी पाकिस्तान नहीं जाने दिया जाए।

अमित शाह और सीआर पाटिल की बैठक में ये तय हुआ कि पानी रोकने के हर तरीके पर तुरंत काम शुरू कर दिया जाए। दोनों नेताओं के बीच शार्ट टर्म और लांग टर्म रणनीति पर भी बात हुई। शाह की मीटिंग में सिंधु नदी पर सिर्फ पाटिल बैठे थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर का विषय कुछ और था और वो मिलकर निकल गए। भारत ये तय करेगा कि एक भी बूंद पानी नहीं पाकिस्तान जाने दिया जाए।

पानी को कैसे डायवर्ट किया जाएगा?
गृह मंत्री अमित शाह और सीआर पाटिल के बीच हुई बैठक में सिंधु नदी के जल को लेकर विस्तार से बात हुई है। सिंधु नदी के सिल्ट हटाने और ड्रेजिंग करने का काम तुरंत शुरू होगा। पानी को डायवर्ट की रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा हुई। ये पानी वैसी नदियों में भी डायवर्ट किया जा सकता है जिसमें पानी की कमी रहती है। इस पानी का उपयोग सिंचाई के लिए कैसे किया जाए और बांध बनाने पर विस्तृत चर्चा हुई।

पाकिस्तान पर यह होगा असर
भारत सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का ऐलान किया है। भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को इस बारे में औपचारिक पत्र भी जारी कर दिया है। पत्र में स्पष्ट किया कि संधि को निलंबित करने का निर्णय भारत सरकार ने गहन विचार-विमर्श के बाद लिया है। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता 1960 में हुआ था। समझौते के तहत सिंधु, झेलम, और चेनाब का जल अधिकार पाकिस्तान को और रावी, ब्यास और सतलुज का जल अधिकार भारत को मिला। पाकिस्तान की करीब 80त्न कृषि सिंचाई सिंधु जल प्रणाली पर निर्भर है। सिंधु जल समझौते पर भारत के रोक लगाने से पाकिस्तान में जल संकट उत्पन्न होगा और इसका असर कृषि पर पड़ेगा।

पाकिस्तान में रुक गई चोलिस्तान नहर परियोजना

भारत की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के कदम के बाद पातिस्तान ने जो किया है वो जानकर आप हंस पड़ेंगे। पाकिस्तान सरकार ने विवादास्पद चोलिस्तान नहर परियोजना को रोकने का फैसला लिया है। समझने वाली बात यह है कि जब पानी ही नहीं होगा तो पाकिस्तान नहर बनाकर भी क्या करेगा। सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने पंजाब प्रांत के रेगिस्तानी क्षेत्र की सिंचाई के लिए फरवरी में चोलिस्तान परियोजना का उद्घाटन किया था। हालांकि, सिंध प्रांत में इस कदम को लेकर हंगामा खड़ा हो गया था। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। देखना वालीबात यह है कि पीपीपी केंद्र में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।

भारत की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी से मुलाकात कर नहर परियोजना को रोकने पर सहमति जताई थी। दोनों दलों ने इस बात पर भी सहमति जताई थी कि विवादास्पद नहर परियोजना तब तक निलंबित रहेगी जब तक कि प्रांतों के बीच विवादों से निपटने के लिए उच्चस्तरीय अंतर-प्रांतीय निकाय ‘काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स’ में इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन जाती।

Author Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button