जाति जनगणना से पिछड़े वर्गों के आर्थिक और सामाजिक विकास को मिलेगी नई दिशा : डिप्टी सीएम अरुण साव

श्रमिकों के साथ अन्याय करने वाले कांग्रेस नेता बासी खाने का दिखावा ना करें : साव
रायपुर। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की राजनीतिक समिति ने एक बहुत बड़ा और क्रांतिकारी फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि, देश में आगामी जनगणना के साथ जाति गणना भी होगी। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया है। इससे पिछड़े वर्ग के लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी। पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी। शिक्षा और रोजगार के लिए बड़े काम होंगे। यह देश को आगे ले जाने में बड़ा मददगार साबित होगा।
उप मुख्यमंत्री साव ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि, देश की विपक्षी पार्टियों ने जाति जनगणना को लेकर भ्रम फैलाने का काम किया है, यहीं कांग्रेस सत्ता में रहते हुए जाति जनगणना का विरोध कर बंद किया, और विपक्ष में आने के बाद इसके हिमायती हो गए। जनता कांग्रेस के दोहरे चरित्र को समझ गई है।
अरुण साव ने कहा कि, आज छत्तीसगढ़ के सभी श्रमिक भाई और बहनों को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कांग्रेस नेताओं के बासी खाने के दिखावे पर कहा कि, छत्तीसगढ़ में सैकड़ों सालों से बासी खाने की परंपरा चली आ रही है। लेकिन कांग्रेस ऐसी परंपराओं पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। साव ने कहा कि, जिस कांग्रेस पार्टी ने श्रमिकों का शोषण किया, छला और धोखा दिया, आज बोरे बासी खाने का दिखावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़िया कहके दोनों हाथों से छत्तीसगढ़ की जनता को लूटने का काम किया है। श्रमिकों के हित में कभी काम नहीं किया। जबकि भाजपा सरकार ने हमेशा उनकी हित में काम किया। मोदी सरकार आज मुफ्त में चावल दे रही है। गरीबों को भूख से बचाने का काम किया है।
अरुण साव ने रायपुर में कांग्रेस पार्षदों के इस्तीफे पर कहा कि, कांग्रेस पार्टी डूबने वाली नाव है। पहले संदीप साहू को रायपुर नगर निगम में विधिवत रूप से नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। और बाद में उसे हटा दिया गया। उन्हें कांग्रेस का यह रवैया अपमानजनक लगा और कांग्रेस के पांच पार्षदों ने इस्तीफा दिया। कांग्रेस में कर्मठ कार्यकर्ताओं का अनादर सामान्य बात हो गई। यहां सिर्फ गिने चुने परिवारों का कब्जा है।