बस्तर संभाग की आदिवासी जुडो खिलाडी रंजीता कोरेटी ने कड़ी मेहनत से हौसलों को दी नई उड़ान

बस्तर संभाग की आदिवासी जुडो खिलाडी रंजीता कोरेटी ने कड़ी मेहनत से हौसलों को दी नई उड़ान
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के एक आदिवासी समाज से आने वाली जुडो खिलाडी रंजीता कोरेटी ने प्रदेश का नाम देशभर में ऊँचा किया है। पिता की मृत्यु के बाद रायपुर के एक अनाथालय में रह रही रंजीता की प्रतिभा की पहचान अनाथालय की अधीक्षक मणि शर्मा ने की। इनके प्रयासों के बाद 2023 में रंजीता का चयन भोपाल स्थित नेशनल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में हुआ। भोपाल आने के बाद रंजीता के सपनों को पर मिल गए। डेढ़ साल में ही अंडर 18 राष्ट्रिय चैम्पियन बनकर उभरी। अब खेलो इण्डिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर अपने हौसलों को नई उड़ान दी। बता दें कि रंजीता को खेलो इण्डिया की ओर से हर महीने स्कॉलरशिप मिल रही है।
रंजीता ने कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत से नेशनल में मेडल लेकर साई में गई। साई में जाने के बाद उन्हें खेलो इंडिया में लिया गया। उन्हें हर महीने आर्थिक मदद मिली जिसका उन्हें फायदा हुआ। मैंने इंटरनेशनल खेला जिसमे में प्रदर्शन अच्छा रहा।
बता दें रंजीता का जब अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ तो पासपोर्ट में माता पिता का नाम नहीं होने की वजह से उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन बाद में पासपोर्ट में सुधार होने के बाद रंजीता ने कई अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर खेल की चमक बिखेरी। जुडो के हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर यशपाल सोलंकी ने कहा कि रंजीता के माता पिता नहीं है, अनाथालय में पढाई करती है। उसकी प्रतिभा आगे बढ़ने वाली है।