छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस में शामिल हुए पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा हिरवानी


धमतरी (प्रखर) कृषि विज्ञान केंद्र धमतरी एवं मछली पालन विभाग जिला धमतरी के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस गरिमामय पूर्वक कृषि विज्ञान केंद्र जिला धमतरी के सभागार में मनाया गया उक्त राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय सह तिलापिया क्लस्टर हेतु एक दिवसीय कृषक संगोष्ठी का भी कार्यक्रम आयोजन किया गया कार्यक्रम के नेहरू निषाद जी अध्यक्ष पिछड़ा आयोग केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त छत्तीसगढ़ शासन अध्यक्षता कृष्णा चंपालाल हिरवानी प्रदेश अध्यक्ष सहकारिता प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ धीवर समाज महासभा अति विशिष्ट अतिथि श्री शशि पवार उन्नत कृषक  डॉ ईश्वर सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र धमतरी के द्वारा सर्वप्रथम मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के आसंदी से नेहरू निषाद जी ने बताया कि राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस हम क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस, भारतीय मत्स्यपालन क्षेत्र में प्रोफेसर डॉ. हीरालाल चौधरी और उनके सहयोगी डॉ. के.एच. अलीकुन्ही के योगदान को सम्मानित करने और स्मरण करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने 1957 में इसी दिन भारतीय मेजर कार्प्स में हाइपोफिसेशन तकनीक द्वारा प्रेरित प्रजनन का मार्गदर्शन किया था। इसी से अंतर्देशीय जलीय कृषि में क्रांति आई आगे उन्होंने जानकारी देते हुए बताएं कि केंद्र में माननीय मोदी जी की सरकार जब से आया है तब से आज तक छत्तीसगढ़ को मछली पालन हेतु बजट में कभी कोई कमी आने नहीं दिया है छत्तीसगढ़ अपितु पूरे देश में मछली पालन को एक क्रांति के रूप में लेते हुए  मोदी जी ने नील क्रांति लाने की ठान रखी है जिसमें आप और हम सभी का सहयोग की आवश्यकता है जिसके चलते पूरे देश में नील क्रांति लाकर हम अपना और परिवार  का उत्तरोत्तर उन्नति कर सके नेहरू निषाद ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार के द्वारा भी प्रदेश के समस्त मछुआरों के लिए योजना है जिसका लाभ मछली पालन विभाग के जिला कार्यालय में जाकर अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे कृष्णा चंपालाल हिरवानी ने जानकारी देते हुए अपने उद्बोधन में कहां की जब से देश में मोदीकी सरकार आई है 2014 से अब तक पूरे देश के मछुआरों के लिए लगभग 38,572  करोड़ का बजट जारी कर चुका है जिससे देश के सभी मछुआरों के छोटी से छोटी जरूरत को पूरा किया है चाहे वह छोटा मछली पालक को मध्यम मछली पालक हो या बड़ा मछली पालक हो इसी के चलते आज पूरे विश्व में भारत दूसरा एवं तीसरे स्थान पर मछली के नाम से जाना जाता है हिरवानी ने बताया कि आज धमतरी की मछली विदेश अमेरिका में निर्यात किया जा रहा है आगे बताया कि हम किस प्रकार मछली के उत्पादन के लिए प्रशिक्षण ले सकते हैं उन्होंने बताया कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा विभिन्न स्थानों पर समय-समय पर मछुआरों को प्रशिक्षण दिया जाता है एवं प्रदेश से बाहर उड़ीसा बंगाल दिल्ली गुड़गांव जैसे अनेक स्थानों पर फिशरीज साइंटिस्टों के द्वारा मछली पालन एवं मछली के व्यापार को कैसे बड़े स्तर पर किया जाए इसकी सारी जानकारी प्रशिक्षण दिया जाता है हिरवानी ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि अब मछली पालन से जुड़ी समस्त योजनाओं के लाभ लेने के लिए एनएफडीपी में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा जिसके चलते आप ऑनलाइन सारी योजनाओं के लाभ लेने के लिए फॉर्म भर सकते हैं अति विशिष्ट तिथि उन्नत किसान सफल किसान ठाकुर शशि पवार ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक एकड़ में हमें कितनी मछली डालना चाहिए कितना हमें दाना खिलाना चाहिए कितने समय में हमें उसे नेटिंग करना चाहिए कब हमें तालाब की सफाई करना चाहिए हमें कैसे उन्नत बीज डालना चाहिए तालाबों में नर्सरी में प्राइवेट फॉर्म में इन सारी जानकारी को ध्यान में रखा जाएगा तभी हम अधिक से अधिक मछली से धन कमा सकते हैं पवार जी ने बताया कि आज पूरे विश्व व देश में प्रोटीन की सबसे अधिक मात्रा की पूर्ती मछली से हो रही है और आगे भी यही एक मध्यम रहेगा प्रोटीन का इसके कारण हम सभी को मछली पालन में पूरा ध्यान लगाकर काम करना चाहिए सारी चीजों में केंद्र सरकार एवं स्टेट सरकार सहयोग एवं सुविधा प्रदान कर रही है अति विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ ईश्वर सिंह ने अपनी कृषि विज्ञान केंद्र की सारी चीजों के बारे में बताया और किसी विज्ञान केंद्र से जुड़कर अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए अपील किया मछली अधिकारी राघव ने तेलपिया के विषय कृषकों को बहुत गहन एवं अच्छी जानकारी दिया  में अंत में मछली पालन अधिकारी राघव ने सैकड़ो की संख्या में पहुंचे सभी उन्नत मछली कृषको एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम की समापन की घोषणा किया उक्त पुरे कार्यक्रम का मन संचालन मनीषा खापर्डे साइंटिस्ट कृषि विज्ञान केंद्र धमतरी के द्वारा किया गया

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