मानसून सत्र : बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, दोनों सदन में कार्यवाही स्थगित

मानसून सत्र : बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, दोनों सदन में कार्यवाही स्थगित
नई दिल्ली। संसद में मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने जमकर विरोध किया। विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है। बता दें कि बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन के मुद्दे पर विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है। बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में विपक्ष के सांसदों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में मकर द्वार पर प्रदर्शन किया। सांसदों ने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के जरिये वोट की चोरी की कोशिश की जा रही है। यह चुनाव की चोरी के जैसा है। इस दौरान सांसदों ने एसआईआर: भारतीय अधिकारों की चोरी और एसआईआर: भारतीय गणराज्य को नुकसान पहुंचाना लिखी तख्तियां पकड़ी हुईं थीं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस, सपा, राजद, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, झामुमो समेत कई दलों के सांसदों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इससे पहले राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में इंडिया ब्लॉक नेताओं की बैठक हुई।
कांग्रेस महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने बताया कि बैठक के दौरान विपक्ष ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवालों के जवाब देने के लिए सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति पर जोर देने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम पर डोनाल्ड ट्रंप के बयान, बिहार की एसआईआर प्रक्रिया, परिसीमन, दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार, एआई 171 विमान दुर्घटना और मणिपुर गृह युद्ध जैसे मुद्दों पर सवालों के जवाब देने के लिए सदन में मोदी की उपस्थिति पर दबाव बनाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि ये लोगों के मुद्दे हैं और इन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। विपक्षी नेताओं ने यह मुद्दा भी उठाया कि राहुल गांधी को सदन में बोलने की अनुमति दी जाए। यह भी निर्णय लिया गया कि विपक्ष संसद के दोनों सदनों में एसआईआर का मुद्दा उठाएगा।
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर अगले सप्ताह चर्चा संभव
लोकसभा में केंद्र सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार हो गई है, जिसके बाद ये माना जा रहा है कि अगले सप्ताह संसद के दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो सकती है। लोकसभा में चर्चा के लिए 16 घंटे जबकि राज्यसभा में 9 घंटे का वक्त तय किया गया है। दोनों सदनों में कुल मिलाकर 25 घंटे तक ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। विपक्ष मांग कर रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृहमंत्री सदन में मौजूद रहें। सूत्रों के मुताबिक बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में सरकार ने बताया कि प्रधानमंत्री इस हफ्ते विदेश दौरे पर हैं इसलिए वो अगले हफ्ते ही सदन में उपस्थित रह सकते हैं।