मानसून सत्र : पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बहस, प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा

मानसून सत्र : पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बहस, प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दौरान आज से पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तीखी बहस होने वाली है। पहले सप्ताह के व्यवधान के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष आमने-सामने होंगे। संसद की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा में प्रश्नकाल चल रहा है, लेकिन कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही भी हंगामे के चलते दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।
भारत की सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर इन मुद्दों पर बोलेंगे। दोनों सदनों में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव के अलावा कई अन्य नेता सरकार के खिलाफ आरोप का नेतृत्व कर सकते हैं।
लोकसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल में दोपहर 12 बजे तक स्थगित करने से पहले, अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विपक्षी सदस्य जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के नेता (राहुल गांधी) से अनुरोध किया कि वे अपनी पार्टी के सदस्यों से पोस्टर न दिखाने को कहें। उन्होंने कहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों को प्रश्नकाल में बोलने नहीं दिया जा रहा है और देश की जनता सब देख रही है, और सदन की कार्यवाही जानबूझकर बाधित की जा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “पहले आप ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग करते हैं, फिर सदन में वेल में आ जाते हैं। अगर आप चर्चा में भाग लेना चाहते हैं, तो कृपया अपनी सीट पर बैठ जाएं। क्या आप ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चाहते हैं या नहीं?…क्या मुझे सदन की कार्यवाही स्थगित कर देनी चाहिए?”
ऑपरेशन सिंदूर बदलते भारत का प्रतीक: किरेन रिजिजू
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर कोई मामूली एक्शन नहीं है, ये बदलते भारत का प्रतीक है। जब ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा सदन में शुरू हो रही है तो मेरी विपक्षी दलों से दरख्वास्त है कि कोई भी ऐसी भाषा ना बोलें जिससे भारत की छवि या सेना के मनोबल पर आंच आए। कांग्रेस पार्टी और विपक्ष ऐसा कुछ ना बोले जिससे पाकिस्तान और भारत विरोधी ताकतों को बल मिलता है। कांग्रेस पहले बहुत बार पाकिस्तान की भाषा बोल चुकी है। सदन में पाकिस्तान से तालमेल की भाषा बिल्कुल ना बोले।
शशि थरूर ने लिया मौनव्रत
आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी है। ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या कांग्रेस की तरफ से शशि थरूर बोलेंगे या नहीं? दरअसल शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश दौरों पर गए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे थे और उन्होंने अपने कई बयानों में सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया था। इसे लेकर उन्हें अपनी ही पार्टी में आलोचना भी झेलनी पड़ी। यही वजह रही कि आज जैसे ही शशि थरूर संसद भवन परिसर पहुंचे तो मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया और उनकी प्रतिक्रिया मांगी। शशि थरूर को भी इस मुद्दे की गंभीरता का अंदाजा था तो उन्होंने कह दिया कि आज उनका मौनव्रत है और मुस्कुराकर वहां से निकल गए।
डिंपल यादव पर मौलाना की टिप्पणी को लेकर एनडीए का विरोध प्रदर्शन
सपा सांसद डिंपल यादव पर एआईआईए अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी की अपमानजनक टिप्पणी पर हंगामा हो गया है। इस मुद्दे पर एनडीए सांसदों ने आज संसद परिसर में सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और उन पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने कहा, ‘मैं हैरान हूं कि वह (अखिलेश यादव) चुप क्यों हैं, जिनकी पत्नी के खिलाफ यह टिप्पणी की गई है। तुष्टिकरण की राजनीति की हदें पार हो गई हैं… मौलाना के इरादे साफ़ हैं।’
सरकार को सच बताना होगा: गौरव गोगोई
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “हम अपने वक्ताओं की सूची अध्यक्ष कार्यालय में देंगे। आज सरकार को सच बताना होगा।” वहीं पी चिदंबरम के इस बयान पर कि “पहलगाम के आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे, इसका कोई सबूत नहीं है।” गोगोई ने कहा, “वह इस बारे में और जानकारी दे पाएंगे।”
बहस में शामिल हो सकते हैं पीएम मोदी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर व निशिकांत दुबे भी चर्चा में भाग ले सकते हैं। वहीं पीएम मोदी के लोकसभा में चर्चा में हस्तक्षेप करने की उम्मीद है। वह राज्यसभा में भी चर्चा में हस्तक्षेप कर सकते हैं।