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देश का असली विकास तभी होगा, जब बुनियादी ढांचा सुदूर इलाकों तक पहुंचे : पीएम मोदी

देश का असली विकास तभी होगा, जब बुनियादी ढांचा सुदूर इलाकों तक पहुंचे : पीएम मोदी
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आइजोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को पूर्वोत्तर के कई राज्यों के दौरे पर पहुंचे हैं। इस क्रम में पीएम मोदी सबसे पहले मिजोरम की राजधानी आइजोल पहुंचे। यहां वह बैराबी-सैरांग रेल लाइन सहित अन्य विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। पीएम मोदी ने आइजोल के निकट लेंगपुई एयरपोर्ट से परियोजनाओं का उद्घाटन किया और जनसभा को डिजिटल माध्यम से संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी भारी बारिश के कारण लेंगपुई एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर के जरिये आइजोल के लामुआल ग्राउंड तक नहीं पहुंच सके।
पीएम मोदी ने यहां आइजोल में कहा, मिजोरम के अद्भुत लोगों को नमस्कार। मैं सर्वोच्च देवता पथियन को नमन करता हूं, जो नीले पहाड़ों की इस खूबसूरत धरती पर नजर रखते हैं। मैं मिजोरम में एयरपोर्ट पर पहुंच गया हूं। लेकिन दुर्भाग्य से, खराब मौसम के कारण मैं आइजोल में आपसे मिलने नहीं आ पा रहा हूं। फिर भी, मैं यहां से आपके स्नेह को सचमुच महसूस कर सकता हूं। चाहे स्वतंत्रता आंदोलन हो या राष्ट्र निर्माण, मिजोरम के लोगों ने काफी योगदान दिया है। मिजोरम के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है, आइजोल अब रेल मानचित्र पर आ गया है।
मिजोरम के लोगों के लिए क्रांति
उन्होंने आगे कहा, आज मिजोरम भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कुछ वर्ष पहले, मुझे आइजोल रेलवे लाइन की आधारशिला रखने का अवसर मिला था और आज हम इसे देशवासियों को समर्पित करते हुए गर्व महसूस करते हैं। दुर्गम भूभाग सहित कई चुनौतियों को पार करते हुए, बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन एक वास्तविकता बन गई है। हमारे इंजीनियरों के कौशल और हमारे कार्यकर्ताओं के उत्साह ने इसे संभव बनाया है। पहली बार, मिजोरम का सायरंग राजधानी एक्सप्रेस द्वारा दिल्ली से सीधे जुड़ेगा। यह सिर्फ एक रेलवे नहीं है, बल्कि परिवर्तन की जीवनरेखा है। यह मिजोरम के लोगों के जीवन और आजीविका में क्रांति लाएगी।
बेहतर होगी कनेक्टिविटी
पीएम मोदी ने कहा, मिजोरम के किसान और व्यवसाय देश भर के ज्यादा बाजारों तक पहुंच पाएंगे। लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के बेहतर अवसर भी मिलेंगे। इस विकास से कई क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। पिछले ग्यारह वर्षों से हम पूर्वोत्तर के विकास के लिए काम कर रहे हैं। यह क्षेत्र भारत का विकास इंजन बन रहा है। पिछले कुछ वर्षों में पूर्वोत्तर के कई राज्यों ने भारत के रेल मानचित्र पर अपनी जगह बनाई है। पहली बार, ग्रामीण सड़कों और राजमार्गों, मोबाइल कनेक्टिविटी, इंटरनेट कनेक्टिविटी, बिजली, नल का पानी और एलपीजी कनेक्शनों का विस्तार किया गया है। भारत सरकार ने सभी प्रकार की कनेक्टिविटी को मज़बूत करने के लिए कड़ी मेहनत की है। मिजोरम को हवाई यात्रा के लिए उड़ान योजना का भी लाभ मिलेगा। बहुत जल्द, यहां हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होंगी। इससे मिजोरम के दूरदराज के इलाकों तक पहुंच बेहतर होगी।
उन्होंने कहा, चाहे देश में हो या विदेश में, मुझे अपनी खूबसूरत संस्कृति के दूत की भूमिका निभाने और पूर्वोत्तर की अपार संभावनाओं को प्रदर्शित करने में बहुत खुशी हो रही है। कुछ महीने पहले, मुझे दिल्ली में अष्टलक्ष्मी महोत्सव में भाग लेने का अवसर मिला। इसमें पूर्वोत्तर के वस्त्र, पर्यटन और कई अन्य खूबियों पर प्रकाश डाला गया। मैंने निवेशकों को इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं का पता लगाने और उनका दोहन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
रेलवे का नया युग
प्रधानमंत्री ने मिजोरम की राजधानी आइजोल को भारतीय रेलवे नेटवर्क से पहली बार जोड़ने वाली बैराबी–सैरांग नई रेल लाइन (8,070 करोड़) का उद्घाटन किया। 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी–सैरांग रेल लाइन पूर्वोत्तर के सबसे दुर्गम इलाकों से होकर बनाई गई है। इस परियोजना में कुल 48 सुरंगें (12 किलोमीटर से अधिक लंबाई) और 142 पुल शामिल हैं। इनमें पुल संख्या 196 सबसे खास है, जिसकी ऊंचाई 104 मीटर है—यानी कुतुब मीनार से भी ऊंचा। यह इस रूट का सबसे ऊंचा पुल है और भारतीय रेल का दूसरा सबसे ऊंचा पियर ब्रिज। रेल मार्ग को भविष्य में 223 किलोमीटर आगे म्यांमार सीमा तक बढ़ाया जाएगा, जिससे कलादान प्रोजेक्ट का भी फायदा उठाया जा सकेगा। इससे मिजोरम को देशभर से सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लोगों को सुरक्षित, सस्ती और तेज यात्रा का विकल्प मिलेगा। साथ ही खाद्यान्न, उर्वरक और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी समय पर और विश्वसनीय तरीके से हो सकेगी।
Author Desk

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