राष्ट्रीय

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा भगोड़ों के लिए हर राज्य में स्पेशल जेल बने, रेड नोटिस के बाद पासपोर्ट रद्द किए जाएं

सीबीआई द्वारा आयोजित ‘भगोड़ों का प्रत्यर्पण-चुनौतियां और रणनीतियां’ विषय पर हुआ सम्मेलन
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगोड़ों को भारत वापस लाने और उनके खिलाफ कार्रवाई को और सख्त करने के लिए कई अहम सुझाव दिए हैं। गुरुवार को सीबीआई द्वारा आयोजित ‘भगोड़ों का प्रत्यर्पण-चुनौतियां और रणनीतियां’ विषय पर एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि हर राज्य में भगोड़ों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विशेष जेल बनाई जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि इंटरपोल के रेड नोटिस का सामना कर रहे भगोड़ों के पासपोर्ट तुरंत रद्द किए जाएं ताकि उनकी सीमा पार आवाजाही रोकी जा सके और विदेशी अदालतों में उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ ‘जेलों की खराब स्थिति’ जैसे बहानों को कमजोर किया जा सके।
शाह ने कहा, ‘जब तक हम विदेशों से भारतीय अर्थव्यवस्था, हमारी संप्रभुता और हमारी सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाले भगोड़ों के मन में भारतीय न्याय व्यवस्था के प्रति भय पैदा नहीं करते, तब तक हम देश की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते।’ उन्होंने बताया कि वित्तीय अपराध, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मामलों में भारत के 338 प्रत्यर्पण अनुरोध विभिन्न देशों में लंबित हैं। विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे भगोड़ों ने विदेशी अदालतों में भारतीय जेलों की स्थिति को लेकर प्रत्यर्पण का विरोध किया है।
गृह मंत्री ने सुझाव दिया कि रेड नोटिस जारी होने पर भगोड़ों के पासपोर्ट को निगरानी सूची में डाला जाए और उनकी अंतरराष्ट्रीय यात्रा को रोकने के लिए पासपोर्ट रद्द किए जाएं। उन्होंने कहा, ‘मौजूदा तकनीक के साथ ऐसा करना कोई मुश्किल काम नहीं है। अगर हम इस प्रावधान को सिस्टम में शामिल कर सकें, तो इससे भगोड़ों को वापस लाने में मदद मिलेगी।’ सम्मेलन में सभी राज्य पुलिस प्रमुखों को संबोधित करते हुए शाह ने हर राज्य की राजधानी में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक विशेष जेल बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘भगोड़े विदेशी अदालतों में तर्क देते हैं कि भारत की जेलें मानकों के अनुरूप नहीं हैं और उनके मानवाधिकारों की रक्षा नहीं होगी। मैं इससे सहमत नहीं हूं, लेकिन अगर यह एक बहाना है, तो उन्हें यह मौका क्यों दिया जाए?’
शाह ने भगोड़ों पर  वैज्ञानिक डेटाबेस बनाने का सुझाव दिया
शाह ने भगोड़ों पर एक वैज्ञानिक डेटाबेस बनाने की भी बात कही, जिसमें अपराध का प्रकार, भगोड़े का वर्तमान स्थान, देश में उनके गिरोह और प्रत्यर्पण की स्थिति जैसी जानकारी हो। उन्होंने कहा कि यह डेटाबेस सभी राज्यों के साथ साझा किया जाना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री ने हर राज्य पुलिस में नार्को, आतंकवाद, वित्तीय और साइबर अपराधों से जुड़े मामलों के लिए एक समन्वय समूह बनाने का सुझाव दिया, जिसे ष्टक्चढ्ढ और खुफिया ब्यूरो का सहयोग मिले। साथ ही, प्रत्यर्पण मामलों के लिए हर राज्य में एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने की बात कही। उन्होंने कहा,’यह विशेष ज्ञान का क्षेत्र है, जहां आपको अन्य देशों के साथ भारत की संधियों, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कानूनों का अध्ययन कर प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए।’
Author Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button