दो दिन, दो बेटियां, दो राष्ट्रीय उपलब्धि

जैन परिवार की देशना को लेखक सम्मान, एवं स्तुति को गोल्ड मेडल
धमतरी(प्रखर) छत्तीसगढ़ के धमतरी नगर की जैन परिवार की 2 बेटियों ने लगातार 2 दिन तक अलग अलग क्षेत्र में अपनी प्रतिभा राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध हासिल करते हुए ना सिर्फ परिवार अपितु छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है। धमतरी के प्रतिष्ठित गजराज जैन की पौत्रियों तथा कविंद्र जैन की पुत्रियों देशना और स्तुति ने ये प्रतिभा और संस्कार की अनोखी मिसाल पेश की है। बड़ी बेटी देशना जैन जिसने इसी माह भारतीय विरासत संस्थान से आर्ट हिस्ट्री में अपना मास्टर्स पूर्ण किया है, विगत 7 नवंबर को भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भाग लिया। प्रख्यात इतिहासकार एवं म्यूजियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ आनंद बर्धन एवं म्यूजियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव राजेश प्रसाद एवं धमतरी की बेटी देशना जैन द्वारा लिखी गई किताब “मैपिंग म्यूजियम्स (VOL –1)” का विमोचन एक गरिमामयी समारोह में किया गया। 8 नवंबर को देशना ने अपना दूसरा रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया जिसका टॉपिक था “आइकनोग्राफी, डायग्रामेटिक एंड रिचुअल फंक्शन ऑफ सिद्ध चक्र यंत्र” सिद्ध चक्र यंत्र जो कि जैन मतावलंबियों का एक शाश्वत यंत्र है उसकी विस्तार से व्याख्या उसने अपने इस रिसर्च पेपर में प्रस्तुत की है।
देशना जैन ने इसके पूर्व 1 एवं 2 अगस्त 2025 को खैरागढ़ में जनजातीय गौरव पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में भी ” भारतीय जनजातीय कला और उसकी भारतीय राष्ट्रीय आंदोलनों में भूमिका” विषय पर रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया था। गौरतलब है कि देशना ने अपने मास्टर्स के दौरान “टेम्पल्स ऑफ बारसूर : स्कल्पचर एंड आर्किटेक्चर” शीर्षक पर छत्तीसगढ़ के बारसूर के मंदिरों के वास्तुशिल्प और मूर्तियों के अध्ययन पर अपना डिजर्टेशन तैयार किया था जिसे जर्नल में भी प्रकाशित किए जाने की संभावना है। यह शोध छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक धरोहरों के पुरातात्विक अध्ययन को एक नया आयाम देगा।
वहीं दूसरी बेटी स्तुति जैन जो कि महाराजा सयाजी राव विश्वविद्यालय बड़ौदा में मनोविज्ञान में मास्टर्स कर रही थी। उसे 8 नवंबर को विश्वविद्यालय के 74 वें दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
दोनों ही बेटियों की यह उपलब्धियां न सिर्फ जैन परिवार के लिए अपितु समूचे छत्तीसगढ़ के गर्व का विषय है और बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने में सहायक है। उनकी इस उपलब्धि पर अनेक लोगों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।



