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बांग्लादेश हिंसा : हिंदू युवक की हत्या मामले में सात गिरफ्तार, भारत विरोधी उस्मान हादी को दफनाने की तैयारी

बांग्लादेश हिंसा : हिंदू युवक की हत्या मामले में सात गिरफ्तार, भारत विरोधी उस्मान हादी को दफनाने की तैयारी

ढाका। बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को बीच चौराहे पर लटकाकर जला दिया गया था। इस हत्या मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को यह जानकारी दी। युनुस प्रशासन ने पीडि़त की पहचान 27 वर्षीय सनातन हिंदू दीपू चंद्र दास के रूप में की है। युनुस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ने मयमनसिंह के बलुका में सनातन हिंदू युवक दीपू चंद्र दास (27) की पीट-पीटकर हत्या के मामले में सात लोगों को संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया है।”

बांग्लादेश में पिछले तीन दिनों से लगातार हिंसा जारी है। 18 दिसंबर की हिंसा के बाद लगा था कि बांग्लादेश में हिंसा का दौर थम जाएगा, लेकिन 19 दिसंबर को भी बांग्लादेश में हिंसा जारी रहा। उदिची शिल्पी गोष्ठी के दफ्तर पर हमला बोला गया, दफ्तर में तोडफ़ोड़ की गई, फिर आग के हवाले कर दिया गया। आज राजधानी ढाका में उस्मान हादी को दफनाया जाएगा। उससे पहले जनाजे की नमाज अता की जाएगी। उस्मान हादी की मौत पर बांग्लादेश की मोहम्मद युनूस सरकार ने आज एक दिन का राजकीय शोक का ऐलान किया है, साथ ही जनाजे में ज्यादा से ज्यादा लोगों के शामिल होने की अपील की गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर वहां हिंसा भडक़ सकती है। बांग्लादेश अब जिहादिस्तान बनने की राह पर निकल पड़ा है। आज पूरे देश में जिहादियों का बोलबाला है, सडक़ों पर जिहादियों का कब्जा है, वहां जिहादी जैसा चाहते हैं युनूस सरकार भी वैसा ही करती है।

बांग्लादेश में कट्टरपंथी युवा नेता शरीफ उस्मान हादी पर हुए हमले और बाद में उसकी मौत के बाद हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। बॉर्डर के करीब इलाकों में तनाव बढ़ रहा है, जबकि पूरे देश में कट्टरपंथी जमात के लोग दंगे कर रहे हैं। राजधानी ढाका से लेकर पोर्ट सिटी चटगांव और इंडस्ट्रियल हब खुलना तक घमासान मचा हुआ है। कट्टरपंथी भारत के खिलाफ जंग का एलान कर रहे हैं और हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं। दंगाइयों ने ढाका में दो अखबारों के दफ्तरों को आग लगा दी और पत्रकारों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। सेना की मदद से रिपोर्टरों की जान बचाई जा सकी। पूरे बांग्लादेश में दंगाइयों का बवाल जारी है, दंगाई ’18 करोड़ हादियों’ की बात कर रहे हैं, लेकिन सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस खामोशी से तमाशा देख रहे हैं।

उस्मान हादी पिछले साल शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बगावत का प्रमुख नेता था। उसने बांग्लादेश में इस्लामिक कानून लागू करने का वादा किया था। उस्मान हादी भारत का कट्टर विरोधी था और इंकलाब मंच का प्रवक्ता था। लेकिन यूनुस सरकार ने इंकलाब मंच को भंग कर दिया। इसके बाद उस्मान हादी ने फरवरी में इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लडऩे का एलान किया था। 12 दिसंबर को उस्मान हादी ने कैंपेन शुरू किया और उसी दिन उसे गोली मार दी गई। कल रात जैसे ही उस्मान की मौत की पुष्टि हुई, कट्टरपंथियों ने पूरे बांग्लादेश में उत्पात शुरू कर दिया। भीड़ ‘हादी के हत्यारों को फांसी दो-फांसी दो’ जैसे नारे लगा रही थी। दरअसल, रात में जैसे ही मोहम्मद यूनुस ने उस्मान हादी की मौत की पुष्टि की, इंकिलाब मंच ने लोगों से घरों के बाहर निकलने की अपील की, और पूरे देश में लाखों लोग सडक़ों पर आ गए।
बांग्लादेश में तनाव भरी स्थिति के बीच अब भारतीय सेना भी एक्टिव हो गई है। भारतीय सेना के पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर सी तिवारी ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बांग्लादेश बॉर्डर का दौरा किया है। एक ही दिन के अंदर दो बांग्लादेश से सटी हुई सीमाओं पर पूर्वी आर्मी कमांड के कमांडर गए और बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स के अधिकारियों के साथ सिक्योरिटी रिव्यू मीटिंग भी की। पूर्वी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर सी तिवारी ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ मिज़ोरम के परवा क्षेत्र में स्थित असम राइफल्स एवं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की कंपनी ऑपरेटिंग बेस का दौरा किया। यह इकाइयां स्पीयर कोर के अंतर्गत भारत–बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा दायित्व निभा रही हैं। दौरे के दौरान सेना कमांडर ने भारत–बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की तथा क्षेत्र में तैनात बलों की परिचालन तैयारियों का जायजा लिया। उन्हें सीमा प्रबंधन, निगरानी व्यवस्था और किसी भी उभरती चुनौती से निपटने के लिए अपनाए गए उपायों की जानकारी दी गई।

Author Desk

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