छत्तीसगढ़

सुकमा में एक हार्डकोर नक्सली सहित चार ने किया सरेंडर, बड़ी वारदातों में थे शामिल

सुकमा में एक हार्डकोर नक्सली सहित चार ने किया सरेंडर, बड़ी वारदातों में थे शामिल

सुकमा। सुकमा के नक्सल ऑपरेशन कार्यालय में पहुंचे एक हार्डकोर नक्सली सहित चार नक्सलियों ने सुकमा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। सुकमा एसपी किरण चौहान ने मामले की पुष्टि की है। किरण चौहान ने बताया कि छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति एवं नियत नेला नार योजना के तहत नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।

आगे कहा कि अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा कैम्प स्थापना से मिलने वाली सुरक्षा, सुविधा और विकास से प्रभावित होकर नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन, खोखली विचारधारा, नक्सलियों द्वारा किए जाने वाले शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा किए जाने वाले भेदभाव एवं स्थानीय आदिवासियों के साथ होने वाली निर्मम हिंसा से त्रस्त होकर प्रतिबंधित नक्सल संगठन के नक्सली साथ छोड़ रहे हैं।

इन नक्सलियों ने किया समर्पण
1. नुप्पो सोमड़ा
2. इड्डो लक्खा
3. सोयम लच्छा
4. कुंजाम लच्छा

नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में जिला बल सुकमा और 212 वाहिनी सीआरपीएफ की टीम का विशेष प्रयास रहा है। सभी आत्मसमर्पित नक्सली नक्सल संगठन से जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गो में स्पाईक लगाना, मुख्य मार्गों को खोद कर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना आदि घटनाओं में शामिल थे।

दो महिला नक्सलियों ने गढ़चिरौली पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण
सरकार द्वारा वर्ष 2005 में घोषित आत्मसमर्पण योजना के कारण और हिंसा के जीवन से तंग आकर नक्सलियों समेत कई नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया हैं। साथ ही, आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुलिस बल द्वारा चलाये जा रहे पुनर्वास योजना के चलते अबतक कुल 666 नक्सलियों ने गढचिरौली पुलिस बल के सामने आत्मसमर्पण किया हैं। 27 जून को दो महिला जहाल नक्सली बाली ऊर्फ रामबत्ती ऊर्फ झरीना नरोटे और शशीकला ऊर्फ चंद्रकला ऊर्फ सुनंदा ऊर्फ मनिषा ऊईके ने आत्मसमर्पण कर दिया।

आत्मसमर्पण का कारण बना ये वजह
दलम के वरिष्ठ नक्सलियों का कहना है कि आंदोलन एवं लोगों के लिए पैसा जमा करो, लेकिन वास्तव में इकठ्ठा किया गया पैसा वरिष्ठ नक्सली लोगों के विकास कार्य के लिए न करते हुए अपने निजी काम के लिए इस्तेमाल करते हैं, वरिष्ठ नक्सली महिलाओं से भेदभाव जनक बर्ताव करते हैं। मुखबीर होने के संदेह पर हमारे भाई बहनों को मारने को कहा जाता है। 8 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

आत्मसमर्पण के बाद सरकार की और मिलने वाले ईनाम
आत्मसमर्पण के बाद पुनर्वास के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से बाली ऊर्फ रामबत्ती ऊर्फ झरीना नरोटे को कुल पांच लाख रुपयों का ईनाम घोषित किया है, आत्मसमर्पण के बाद पुनर्वास के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से शशीकला ऊर्फ चंद्रकला ऊर्फ सुनंदा ऊर्फ मनिषा ऊईके को कुल पांच लाख रुपयों का ईनाम घोषित किया है, वर्ष 2022 से 2024 तक कुल 19 जहाल नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया हैं। आत्मसमर्पण कर मुख्याधारा में लाने की कार्यवाही में संदीप पाटील विशेष पुलिस महानिरीक्षक (नक्सल विरोधी अभियान) नागपुर, अंकित गोयल, पुलिस उपमहानिरीक्षक गढचिरौली परिक्षेत्र, नीलोत्पल पुलिस अधीक्षक गढ़चिरौली के मार्गदर्शन में की गई है।

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