छत्तीसगढ़

गजेंद्र यादव, खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल अब साय मंत्रिमंडल का हिस्सा, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

सीएम, विस अध्यक्ष, मंत्रीगण और विधायक भी रहे मौजूद

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कैबिनेट का विस्तार करते हुए मंत्रिमंडल में तीन विधायक गुरु खुशवंत साहेब, गजेन्द्र यादव और राजेश अग्रवाल को शामिल किया है। अब 90 विधानसभा सीटों वाले छत्तीसगढ़ में भी हरियाणा के तर्ज पर 14 मंत्रियों की टीम बन गई है। भाजपा ने तीन विधायकों को मंत्री बनाकर जातिगत संतुलन को साधने का काम किया है। राज्यपाल रमेन डेका ने आज बुधवार को राजभवन के छत्तीसगढ़ मण्डपम् में गजेन्द्र यादव, राजेश अग्रवाल एवं गुरू खुशवंत साहेब को मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मंत्रीपरिषद के सदस्यगण, विधायकगण, जनप्रतिनिधिगण तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शपथ ग्रहण करने वाले कैबिनेट के नए सदस्य गजेंद्र यादव, गुरु खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल को बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नवनियुक्त मंत्रीगण अपनी समर्पित निष्ठा और कार्यकुशलता के साथ जनसेवा के लिए पूर्ण तत्परता से कार्य करेंगे तथा छत्तीसगढ़ राज्य को विकास और सुशासन की दिशा में नए आयाम प्रदान करेंगे। सीएम साय ने सभी मंत्रियों के उज्ज्वल कार्यकाल की मंगलकामना करते हुए कहा कि राज्य सरकार सामूहिक सहयोग और प्रतिबद्धता के बल पर जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी।

भंडारपुरी गुरु गद्दी के उत्तराधिकारी हैं गुरु खुशवंत साहेब

आरंग सीट से विधायक खुशवंत साहेब सतनामी समाज के गुरु हैं। वह सतनामी समाज के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक भंडारपुरी गुरु गद्दी के उत्तराधिकारी हैं। सतनामी समाज के एक दूसरे प्रमुख तीर्थ स्थल गिरौदपुरी की गद्दी के उत्तराधिकारी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके गुरु रूद्र कुमार हैं। दोनों ही सतनामी समाज के संत गुरु घासीदास के वंशज हैं। भंडारपुरी गद्दी के गुरु बालदास के समाज में बड़ा प्रभाव है। साल 2013 के चुनाव के दौरान उन्होंने सतनाम सेना पार्टी का गठन कर चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे। अजा बहुल सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार उतरने से वोटों का समीकरण बिगड़ा और इसका फायदा भाजपा को हुआ। भाजपा ने तब राज्य की 10 अनुसूचित जाति की सीटों में से 9 पर जीत दर्ज की थी। मगर साल 2018 के चुनाव में गुरु बालदास की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ गई। 2023 के चुनाव के ठीक पहले गुरु बालदास अपने बेटे गुरु खुशवंत साहेब के साथ भाजपा में शामिल हो गए। गुरु खुशवंत साहेब ने आरंग से पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे शिव डहरिया को भारी मतों से हराकर जीत हासिल की थी। खुशवंत साहेब को मंत्री बनाकर भाजपा अनुसूचित जाति वर्ग के वोट बैंक में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। संगठन के भीतर यह भी चर्चा रही है कि गुरु बालदास अपने विधायक बेटे को मंत्री बनाने के लिए दिल्ली तक दौड़ लगाते रहे हैं।

टीएस बाबा को हराकर विधायक बने थे राजेश अग्रवाल

अंबिकापुर से विधायक राजेश अग्रवाल ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे टी एस सिंहदेव को मात देकर जीत दर्ज की थी। सरगुजा संभाग की राजनीति में टी एस सिंहदेव का ऊंचा कद रहा है। साल 2018 के चुनाव में सरगुजा संभाग से भाजपा का सूपड़ा साफ करने के पीछे टी एस सिंहदेव ही प्रमुख रणनीतिकार थे, लेकिन साल 2023 के विधानसभा चुनाव आते-आते समीकरण तेजी से बदल गए। कभी टी एस सिंहदेव के बेहद करीबी रहे राजेश अग्रवाल को भाजपा ने उनके ही विरुद्ध उम्मीदवार बनाया और उन्होंने सिंहदेव को करारी शिकस्त देते हुए जीत का परचम लहराया था। मंत्रिमंडल विस्तार में राजेश अग्रवाल का नाम आने के पीछे सिर्फ राजनीतिक समीकरण ही नहीं हैं, इसके परे भी कई अहम कारण हैं, जो उनकी दावेदारी को मजबूत करते दिख रहे हैं। बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद से वैश्य समाज का सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं था।

आरएसएस पृष्ठभूमि से आते हैं गजेंद्र यादव
आरएसएस बैकग्राउंड से आने वाले दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री बनाया गया है। चर्चा थी कि आरएसएस की तरफ से उन्हें मंत्री बनाए जाने का दबाव था। आरएसएस से उनके नाम की पैरवी की गई। साथ ही यादव समाज को साधने के लिहाज से भी मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दी गई है। राज्य के ओबीसी वर्ग में साहू समाज के बाद सर्वाधिक जनसंख्या यादव समाज की है। ऐसे में गजेंद्र यादव की दावेदारी काफी मजबूत थी। यादव समाज ने मंत्रिमंडल में समाज का प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग की थी। मंत्री गजेंद्र यादव के पिता बिरसा राम यादव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मंत्री पद का दायित्व मिलने पर गजेंद्र यादव अपने व्यवहार को न भुलें, अपनी प्राथमिकता बताते हैं कि वे गरीबों का विकास करें। यहां वन के आधार पर उद्योग चाहिए, राज्य सरकार वह विकास कर सकती है। वहीं पिता के तौर पर उन्होंने अपने पुत्र से आगे भी नाम रोशन करने की उम्मीद जताई।

हरियाणा की तर्ज पर कैबिनेट का विस्तार

हरियाणा की विधानसभा में भी छत्तीसगढ़ की तरह 90 विधायक हैं। हरियाणा में बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री हैं। हरियाणा के फॉर्मूले को छत्तीसगढ़ में भी लागू करते हुए 3 और मंत्री बनाये गए हैं। हालांकि, छत्तीसगढ़ में राज्य बनने के बाद से 13 मंत्री ही बनते आए हैं, जबकि नियम के तहत विधयकों की संख्या के 15 प्रतिशत ही मंत्री बन सकते हैं। इस नियम के तहत 90 विधायकों में 13.5 मंत्री बन सकते हैं। इसलिए अब छत्तीसगढ़ में पहली बार मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री हो गए।

साय कैबिनेट के विस्तार के साथ ही मंत्रिमडल में विभागों में फेरबदल किया गया है।

सीएम विष्णु देव साय के पास सामान्य प्रशासन, खनिज साधन, ऊर्जा, जनसंपर्क, जल संसाधन, विमानन, सुशासन एवं अभिसरण, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, जन शिकायत एवं निवारण एवं अन्य विभाग जो किसी मंत्री को आबंटित न हो।

उप मुख्यमंत्री अरूण साव – लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरीय प्रशासन एवं विकास, खेल एवं युवा कल्याण।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा – गृह, जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी।

मंत्री राम विचार नेताम : आदिम जाति विकास, कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी, मछली पालन, पशुधन विकास।

मंत्री दयाल दास बघेल : खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण।

मंत्री केदार कश्यप : वन एवं जलवायु परिवर्तन, परिवहन, सहकारिता, संसदीय कार्य

मंत्री श्री लखन लाल देवांगन : वाणिज्य एवं उद्योग, सार्वजनिक उपक्रम, वाणिज्यिक कर (आबकारी), श्रम।

मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल : लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकासे, 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन।

मंत्री ओ.पी. चौधरी : वित्त, वाणिज्यिक कर (आबकारी को छोड़कर), आवास एवं पर्यावरण, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी।

मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े : महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण।

मंत्री टंकराम वर्मा : राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, उच्च शिक्षा।

मंत्री गजेन्द्र यादव : स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी कार्य।

मंत्री गुरु खुशवंत साहेब : कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, अनुसूचित जाति विकास।

मंत्री राजेश अग्रवाल : पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व।

Author Desk

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