राष्ट्रीय

पंजाब में बाढ़ से तबाही का मंजर, किसानों में फसल बचने की आस टूटी, हर तरफ बर्बादी

बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे प्रधानमंत्री

अमृतसर। आपदा की चपेट में आए पंजाब में नदियों के उफान से तबाही का मंजर है। इतिहास की सबसे बड़ी बाढ़ त्रासदी ने सबको झकझोर कर रख दिया है। अब तक 46 लोगों की जानें जा चुकी हैं। 1.74 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। सभी 23 जिलों के करीब 1500 गांव और 3.87 लाख से अधिक आबादी बाढ़ की चपेट में है। लोगों के आशियाने, सामान और पशुधन बाढ़ में बह चुके हैं। अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, पठानकोट, गुरदासपुर, मोगा, फिरोजपुर, फाजिल्का, होशियारपुर में हालात सबसे खराब हैं। अमृतसर के अजनाला के 45 गांवों में चार फीट तक पानी भरा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं। 1988 में पंजाब में सबसे भीषण बाढ़ आई थी। तब 11.20 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था। इस साल 30 अगस्त तक ही 14.11 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो चुका था। नदियों का जलस्तर बढऩे से तटबंध कमजोर होकर टूट रहे हैं। बाढ़ का पानी गांवों में घुस रहा है।

अमृतसर के रमदास के सीमांत गांव दंगई में लोगों की आंखों में दर्द साफ दिखाई देता है। यहां हर तरफ बर्बादी नजर आती है। सैकड़ों एकड़ फसल बाढ़ में डूब चुकी है और गलियों में भी तीन से चार फीट पानी भरा है। कई घरों के भीतर भी दो-दो फीट पानी है। लोगों का कहना है कि उन्हें पहली बार ऐसी बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ ने फसल बचने की रही सही उम्मीद भी मिट्टी में मिला दी है। गांव अजनाला से 15 किलोमीटर दूर इस गांव में कोई घर ऐसा नहीं है जहां बाढ़ ने तबाही न मचाई हो। कई घर जर्जर हो चुके हैं। कीमती सामान तिरपाल के सहारे सडक़ों के किनारे पड़ा है। कुछ घर मलबे में तब्दील हो गए हैं। आशियानों के उजडऩे से गांव वाले राहत टेंटों में रहने को मजबूर हैं।

अजनाला के 45 गांव बाढ़ की चपेट में
अजनाला इलाके के लगभग 45 गांव पानी में डूब चुके हैं। डीसी साक्षी साहनी, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं। लोगों को दवाइयां, राशन, टेंट व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करवाया जा रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि तिरपाल के सहारे रात गुजारना बहुत मुश्किल है। अस्थायी झोपड़े बारिश की मार नहीं सह पा रहे हैं। पशु बीमार हैं। उनमें से कुछ को पांवों की बीमारी हो गई है। नदी का पानी धीरे-धीरे घट रहा है लेकिन हर तरफ मलबा फैल गया है। इसे निकालने में महीनों लगेंगे। चोरी की घटनाओं की वजह से भय बना हुआ है। मिल रही मदद पर्याप्त नहीं है। सुरक्षा की कमी बेचैनी बढ़ा रही है। गांव में चारों ओर पानी ही पानी है। लोगों की परेशानी बढ़ रही है।

पंजाब जायेंगे प्रधानमंत्री, बाढ़ पीडि़तों से करेंगे मुलाकात

पंजाब के ज्यादातर जिले इन दिनों बाढ़ से प्रभावित हैं। ऐसे में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अब पीएम मोदी बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करने वाले हैं। इस बीच सबसे पहले पीएम मोदी पंजाब राज्य का दौरा करेंगे। पीएम मोदी 9 सितंबर को पंजाब के गुरदासपुर जाएंगे। पंजाब भाजपा की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इसकी जानकारी दी है। पार्टी की ओर से एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 9 सितंबर को पंजाब के गुरदासपुर आ रहे हैं। इसके अलावा पंजाब बीजेपी के एक्स अकाउंट पर पीएम मोदी के दौरे से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी भी दी गई। इस पोस्ट में आगे लिखा गया, वे (पीएम मोदी) बाढ़ प्रभावित भाई-बहनों और किसानों से सीधे मुलाकात कर उनका दुख साझा करेंगे और पीडि़तों की मदद के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। प्रधानमंत्री का यह दौरा साबित करता है कि केंद्र की भाजपा सरकार हमेशा पंजाब के लोगों के साथ खड़ी है और इस कठिन समय में पूरा सहयोग प्रदान करेगी।

भूपेश बघेल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और पंजाब प्रभारी भूपेश बघेल ने फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। नेताओं ने बाढ़ पीडि़तों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को समझा। भूपेश बघेल ने कहा कि यह बाढ़ केंद्र और राज्य सरकार की लापरवाही का परिणाम है। अगर समय पर डैमों से पानी छोड़ा गया होता, तो यह स्थिति नहीं बनती। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब सरकार अब तक यह रिपोर्ट तैयार नहीं कर सकी कि कितने लोग और पशु मरे, कितने घर क्षतिग्रस्त हुए और कितनी फसलें बर्बाद हुईं।

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