छत्तीसगढ़

आज चंद्रग्रहण रात्रि 9 बजकर 58 मिनट पर होगा शुरू, भारत में भी दिखेगा असर

रविवार दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से चंद्रग्रहण का सूतक

रायपुर। साल 2025 में पूर्णिमा का श्राद्ध आज 7 सितंबर को है और इसी दिन चंद्रग्रहण भी है। चंद्रग्रहण के समय पूजन और धार्मिक कार्यों को करने की मनाही होती है। आपको बता दें कि पूर्णिमा श्राद्ध के दिन दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से चंद्रग्रहण का सूतक शुरु हुआ। चंद्रग्रहण की घटना धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी उतनी ही महत्वपूर्ण मानी जाती है जितनी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से। साल 2025 का आखिरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर को लगने जा रहा है और यह ग्रहण भारत में भी दिखेगा। भारतीय समय के अनुसार चंद्रग्रहण की शुरुआत रात्रि 9 बजकर 58 मिनट पर होगी। इस दौरान कई सावधानियां बरतने की सलाह धार्मिक जानकारों के द्वारा दी जाती हैं।

पूर्णिमा श्राद्ध 2025
7 सितंबर को पूर्णिमा श्राद्ध वाले दिन रात्रि के समय चंद्रग्रहण लगेगा। हालांकि, इसका सूतक काल 7 सिंतबर दिन के समय से ही शुरू हो जाएगा। आपको बता दें कि सूतक काल में धार्मिक कार्य वर्जित होते हैं। चंद्रग्रहण की शुरूआत इस दिन रात्रि 9 बजकर 58 मिनट से होगी और देर रात 1 बजकर 26 मिनट पर इसका अंत होगा। चंद्रग्रहण का सूतक 9 घंटे पहने से हो जाता है, इसलिए सूतक काल की शुरुआत 7 सितंबर को 12 बजकर 57 मिनट से हो जाएगी। यानि श्राद्ध कर्म 12 बजकर 57 मिनट से पहले ही आपको करना होगा।

चंद्रग्रहण से जुड़ी कथा
स्कंद पुराण के अनुसार, एक बार देवताओं और दानवों ने समुद्र में छुपे कीमती खजाने को पाने के लिए समुद्रमंथन किया। समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला तो भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर अमृत देवताओं को पिलाना शुरू कर दिया। यह बात स्वरभानु नाम के एक राक्षस को पता लग गई और वो देवताओं का रूप धारण कर देवताओं की कतार में बैठ गया। इसके बाद स्वरभानु अमृत का पान करने लगा। यह बात सूर्य और चंद्रमा को पता लगी तो उन्होंने मोहिनी रूप धारण किए हुए विष्णु को इसके बारे में बता दिया। यह जानकर भगवान विष्णु क्रोध में आ गए और उन्होंने अपने चक्र से स्वरभानु के धड़ को सिर से अलग कर दिया। क्योंकि स्वरभानु अमृतपान कर चुका था इसलिए उसकी मृत्यु नहीं हुई। स्वरभानु के सिर को राहु कहा जाता है और धड़ को केतु। कथा के अनुसार, सूर्य और चंद्रमा ने स्वरभानु यानि राहु-केतु के भेद को खोला था इसलिए राहु केतु सूर्य और चंद्रमा को ग्रहण लगाते हैं।

21 सितंबर 2025 को सूर्य ग्रहण लगेगा

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 की रात 11 बजे से लेकर देर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। ये ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को लगेगा। भारत में ये ग्रहण नहीं दिखाई देगा। ये सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लग रहा है। जिस समय सूर्य ग्रहण घटित होगा उस दौरान सूर्य देव चंद्रमा और बुध के साथ कन्या राशि में स्थित होंगे और उन पर मीन राशि में बैठे श्री शनि देव की पूर्ण दृष्टि होगी। तो वहीं इससे दूसरे भाव में तुला राशि में मंगल महाराज, छठे भाव में कुंभ राशि में राहु तो दशम भाव में बृहस्पति महाराज साथ ही द्वादश भाव में शुक्र और केतु की युति भी होगी। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों पर अपना विशेष प्रभाव डालेगा।

Author Desk

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