उदंती–सीतानदी टाइगर रिजर्व में सांभर के अवैध शिकार का भंडाफोड़

एंटी-पोचिंग टीम ने 12 आरोपियों को किया गिरफ्तार, अन्य फरार
गरियाबंद/ धमतरी (प्रखर)उदंती–सीतानदी टाइगर रिजर्व में वन्यप्राणी संरक्षण को लेकर चलाए जा रहे सघन अभियान के तहत एंटी-पोचिंग टीम को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने सांभर के अवैध शिकार के मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि कुछ आरोपी अब भी फरार हैं।
मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) रायपुर अरुण पांडेय, क्षेत्र संचालक उदंती–सीतानदी टाइगर रिजर्व श्रीमती सतोविशा समाजदार एवं उपनिदेशक वरुण जैन के मार्गदर्शन में गठित एंटी-पोचिंग टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई।
टीम ने गश्त, स्पाई कैमरों, डॉग स्क्वॉड और गोपनीय सूचना के आधार पर जांच करते हुए 15 दिसंबर 2025 को कुल्हाड़ीघाट परिक्षेत्र के शेषपार जलप्रपात के पास वन्यप्राणी के खून के छींटे पाए। कैमरा ट्रैप फुटेज एवं सूचना के आधार पर जांच करने पर खुलासा हुआ कि 11 दिसंबर 2025 को ग्राम सिहावा, ग्राम डुंडरपानी और चिंहरापारा के कुछ व्यक्तियों द्वारा सांभर का अवैध शिकार किया गया।
जांच में सामने आया कि 12 दिसंबर 2025 को आरोपियों ने कुल्हाड़ीघाट परिक्षेत्र में एक नर सांभर का तीर-धनुष से शिकार कर मांस को आपस में बांटकर अपने-अपने घर ले गए।
16 दिसंबर 2025 को वन परिक्षेत्र अधिकारी मैनपुर के निर्देशन में विधिवत तलाशी अभियान चलाया गया। तलाशी के दौरान आरोपियों के घरों से तीर, धनुष, फंदे, कांटे, जंगली सूअर का मांस तथा सांभर का मांस व सींग बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
17 दिसंबर 2025 को आरोपियों द्वारा अपराध स्वीकार करने के बाद टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया, जहां अवैध शिकार से संबंधित अवशेष, हड्डियां, मांस के टुकड़े एवं मांस पकाने के चूल्हे के चिन्ह पाए गए।
वन विभाग द्वारा जब्त अवशेषों को फॉरेंसिक जांच हेतु भेजने की तैयारी की जा रही है। इस अपराध में 3 से 4 गांवों के लोगों की संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत दोष सिद्ध होने पर आरोपियों को कम से कम तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है।
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वन्यप्राणियों के संरक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
उपयोग में लाये गये सामान को जप्त किया गया एवं घटना स्थल का पंचनामा एवं फोटो वीडियोग्राफी लिया गया।
1. महादेव पिता घांसी, कमार, उम्र 45 वर्ष
2. बुजालाल पिता नवल कुमार, उम्र 34 वर्ष
3. पुरस पिता गंगाराम कुमार, उम्र 32 वर्ष
4. राधेश्याम पिता नवल, कमार, उम्र 25 वर्ष
5. बिरसिंग सोरी पिता सोनूराम सोरी, उम्र 55 वर्ष
6. जमी लाल नेताम पिता समारू नेताम, उम्र 50 वर्ष
7. गांडराम सोरी पिता घिसूराम सोरी, उम्र 35 वर्ष
8. मोती राम पिता फुलसिंग कुमार, उम्र 27 वर्ष
9. अभिमन्यु सोरी पिता लड्डू सोरी, उम्र 28 वर्ष
10. लोहर लाल सोरी, जयसिंह सोरी कुमार, उम्र 20 वर्ष
11. सांवू राम नेताम पिता मंगलराम नेताम, कमार, उम्र 41 वर्ष
12. खामेश्वर सोरी पिता चिताराम सोरी, उम्र 35 वर्ष
के विरुद्ध साक्ष्य पाये जाने पर श्री ओम प्रकाश राव वनरक्षक के द्वारा वन्य प्राणी सांभर का अवैध शिकार का पी.ओ.आर. नं. 10/09 दिनांक 17.12.2025 के तहत वन अपराध पंजीबद्ध किया गया।
विवेचना अधिकारी श्री कोमल बिसेन, उपवनक्षेत्रपाल, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी ताराडर के द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 27, 29, 30, 31, 39, 44, 50, 51, 52 के तहत आरोपियों को गिरफ्तार कर श्रीमान न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय गरियाबंद के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।
प्रकरण के शेष अन्य आरोपी अभी फरार हैं, जिनका पता साजी किया जा रहा है।
उक्त कार्यवाही में सहायक संचालक उदंती/नोडल एंटीपोचिंग श्री गोपाल कश्यप, वन परिक्षेत्र अधिकारी उत्तर उदंती श्री देव नारायण सोनी, वन परिक्षेत्र अधिकारी मैनपुर (सामान्य), सहायक परिक्षेत्र अधिकारी देहरागुड़ा, परिसर रक्षी देहरागुड़ा एवं एंटीपोचिंग टीम उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद का विशेष योगदान रहा।



