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शिवराज सिंह चौहान ने कहा- छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं, राज्यसभा में कांग्रेस पर भड़के

शिवराज सिंह चौहान ने कहा- छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं, राज्यसभा में कांग्रेस पर भड़के

राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को किसानों की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। विपक्ष पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं। जब कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में सत्ता में थी, तब किसान मारे गए थे। इनके सामने दिग्विजय सिंह बैठे हैं, इनके हाथ खून से सने हैं। 24-24 किसानों को मारा गया।

कांग्रेस के शासनकाल के दौरान गोलीकांड

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कांग्रेस शासन के दौरान हुए गोलीकांड को ग‍िनाते हुए कहा कि साल 1986 में जब कांग्रेस की सरकार बिहार में थी, तब गोलीबारी में 23 किसान मारे गए थे। 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर गोली चलाई गई थी, उसमें दो किसान मारे गए थे। 1988 में ही मेरठ में किसानों पर गोलीबारी हुई थी और 5 किसान मारे गए थे। 23 अगस्त 1995 में हरियाणा में इनकी सरकार ने गोली चलाई थी, जिसमें 6 किसान मारे गए थे। 19 जनवरी 1998 को मुलताई, एमपी में क‍िसानों पर गोली चली, कांग्रेस की सरकार थी, 24 क‍िसान मारे गए।

“प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना नहीं बनाई”

कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि हम किसान सम्मान निधि पर चर्चा कर रहे थे। कांग्रेस ने किसानों को सीधी मदद की बात की, लेकिन कांग्रेस ने कभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना नहीं बनाई। यह योजना हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनाई। विपक्ष को समझ में नहीं आएगा, लेकिन छोटे किसानों के लिए 6,000 रुपये की राशि मायने रखती है। इस किसान सम्मान निधि की वजह से किसान आत्मनिर्भर बने हैं, किसान सशक्त भी हुए हैं और किसानों का सम्मान भी बढ़ा है। उन्हें किसानों का सम्मान नहीं दिख रहा है।

 

कांग्रेस की प्राथमिकता किसान नहीं: केंद्रीय कृषि मंत्री

उन्होंने कहा कि जब मैं कृषि मंत्री बना तो मुझे लगा कि जितने भी प्रधानमंत्री देश में आज तक बने, मुझे उन सभी के भाषण पढ़ना चाहिए। सबसे अहम भाषण होता है 15 अगस्त का लालकिले की प्राचीर से, मैंने सुना किसानों के लिए किस प्रधानमंत्री ने क्या कहा, आज मैं दुख के साथ ये तथ्य रख रहा हूं कि जब मैंने वो भाषण पढ़े, तो मैं हैरान हो गया, कांग्रेस की प्राथमिकता किसान नहीं है, स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का मैं आदर करता हूं, लेकिन उनके मैंने 15 अगस्त के सारे भाषण पढ़े। 1947 में एक भी बार किसान का नाम नहीं लिया। 1948 में एक बार 1949 में एक बार 1950, 1951, 1952, 1953, 1954, 1955, 1956, 1957, 1958, 1959, 1960 में एक भी बार किसान शब्द उनके भाषण में नहीं आया। ये कांग्रेस की प्राथमिकता है। (IANS)

 

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