संस्कृतियों का उत्सव दीप महोत्सव – डॉ आशुतोष शुक्ला

धमतरी (प्रखर) भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी पर्वों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यंत महत्व है इसलिए इसे दीपोत्सव भी कहा जाता है। ‘तमसो मां ज्योतिर्गमय’ अंधकार से प्रकाश की ओर इस दीपोत्सव को बड़े ही धूमधाम से ग्रेसियस कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन अभनपुर रायपुर छत्तीसगढ़ में मनाया गया। इस दीपावली महोत्सव में मुख्य अतिथि डॉ.आशुतोष शुक्ला, संचालक ग्रेसियस कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन ने कहा कि दीपावली के दिन अयोध्या की राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे।अयोध्या वासियों का हृदय अपने परंम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। और दीपों की रोशनी से जगमगा उठी अयोध्या। तब से आज तक भारतीय प्रतिवर्ष यह प्रकाश पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। विशिष्ट अतिथि श्रीमती भारती शुक्ला सह संचालक ने कहा कि दीपावली जो भारत में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है,एक ऐतिहासिक धार्मिक महत्व के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार सफलता, सौभाग्य और प्रकाश की स्वरूपनी मिलने का प्रतीक है। प्राचार्य डॉ. रिया तिवारी ने कहा कि दीपावली का महत्व आध्यात्मिक दृष्टि से भी है, क्योंकि यह एक अच्छे कामों के लिए प्रतिज्ञा करने और बुराइयों से मुक्ति की दिशा से हमें मार्ग दर्शन करता है। यह एक नई शुरुआत की और संकेत करता है और लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यार्थियों के मराठी नृत्य से हुआ। उसके पश्चात पंजाबी, बंगाली, गुजराती,उत्तराखंड, असमिया, राजस्थानी मनमोहक नृत्य विद्यार्थियों के द्वारा प्रस्तुत किया गया। विद्यार्थियों का चार समूह बनाया गया था जिसमें बहुत ही रुचि कर , सुसज्जित, आकर्षक लक्ष्मी माता की मूर्ति रखकर दीप जलाए गए और विभिन्न प्रकार के पकवान से सजावट की गई। सभी अपनी दीपावली त्यौहार को किस तरीके से मनाया जाता है इसका क्या महत्व है महत्व को बताते हुए अपनी प्रस्तुति दी। निर्णायकों के द्वारा समूह को प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय विजेता घोषित किया गया। एवं विद्यार्थियों के द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। आभार डॉ.मुक्ता कान्हा कौशिक के द्वारा किया गया। कार्यक्रम प्रभारी डॉ.मुक्ता कौशिक एवं श्रीमती मीना साहू शिक्षा विभाग रही। इस दीपावली महोत्सव में श्री राकेश साहू, आईटीआई, श्रीमती पूनम साहू फार्मेसी, श्रीमती साधना शर्मा सहित समस्त प्राध्यापकगण, अशैक्षणिक स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।