छत्तीसगढ़

डिजिटलाइजेशन के नाम पर राजस्व रिकॉर्ड में भारी गड़बड़ी, त्रुटि सुधरवाने भटक रहे हैं किसान : सुरेंद्र वर्मा

डिजिटलाइजेशन के नाम पर राजस्व रिकॉर्ड में भारी गड़बड़ी, त्रुटि सुधरवाने भटक रहे हैं किसान : सुरेंद्र वर्मा

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि कंप्यूटरीकरण के नाम पर राजस्व विभाग के त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया के चलते अनेकों भूमि स्वामी के नाम, खसरा, खतौनी एवं नक्शे में भारी गड़बड़ी की शिकायतें हैं। कई किसानों की शिकायत है कि उनकी कृषि भूमि का रकबा कम या गायब कर दिया गया है। रिकॉर्ड सुधरवाने के लिए किसानों को तहसीलों के चक्कर नहीं काटने पड़े रहे हैं, कहीं कोई सुनवाई नहीं है। राजस्व विभाग द्वारा राजस्व अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण किया गया है। कम्प्यूटरीकरण से राजस्व अभिलेखों में कई तरह की त्रुटियां सामने आई हैं जिनका तत्काल शुद्धिकरण किया जाना आवश्यक है।

सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि आमतौर पर किसान ऋण पुस्तिका में दजऱ् रकबा को अपने द्वारा धारित भूमि का प्रमाण मानता है, लेकिन अब रिकॉर्ड को ऑन लाइन देखने पर त्रुटियां सामने आ रही हैं। आधार कार्ड और भू-राजस्व रिकॉर्ड के नाम में अंतर होने से किसान प्रधानमंत्री किसान योजना, फसल बीमा योजना जैसे अनेकों सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं।

सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि फौती नामांतरण में भू-अभिलेख रिकार्ड में बहुत से भूमि-स्वामी ऐसे दर्ज हैं, जिनकी मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है, परंतु भूमि अभी भी उनके नाम पर दर्ज है। इनमें तत्काल सुधार करवाया जाना आवश्यक है। ज्यादातर किसानों के भूमि स्वामी के नाम में सुधार की जरूरत है। कई किसानों के राजस्व रिकार्ड में भूमि-स्वामी के रूप में प्रचलित नाम दर्ज है। परंतु शासकीय योजनाओं का लाभ देते समय उसका सत्यापन आधार कार्ड में दर्ज नाम से किया जाता है तो समस्या आती है। अत: आवश्यक है कि राजस्व रिकॉर्ड के प्रपत्रों में आधार कार्ड के आधार पर नाम दर्ज कराया जाए।

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