बगैर नंबर प्लेट व बगैर फिटनेस के धूल उड़ाते फर्राटे भर रहे भारी वाहन

बलौदा बाजार ( प्रखर )। इन दिनों बलौदा बाजार से सिमगा मार्ग पर सफर करना मतलब अपनी जान हथेली पर लेकर आवागमन करने से कम नहीं है ट्रक ट्रांसपोर्टरो और ड्राइवरों की दबंगई कहे या परिवहन विभाग से सेटिंग ट्रांसपोर्टरों द्वारा लाये हुए कच्चे माल को संयंत्र में छोड़कर व क्लिंकर लोड कर अधिक परिवहन करने के चक्कर में वाहनों को अत्यधिक रफ्तार से सड़को पे दौड़ाया जा रहा है। ग्रामीणों का आवागमन भय के साथ हो रहा है। बलौदाबाजार ब्लॉक में अंतरराष्ट्रीय स्तर के पांच से छह सीमेंट संयंत्र हैं जिनमें रॉ मटेरियल एवं सीमेंट का परिवहन एक स्थान से दूसरे स्थान लाने ले जाने के लिए भारी भरकम वाहनों का उपयोग किया जा रहा है। इन वाहनों की चपेट में आकर आये दिन किसी न किसी प्रकार के जीव जंतुओं की अकाल ही मृत्यु हो जाती है किंतु जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते संयंत्रो को बल मिल रहा है जिससे यातायात के नियमों की खुली अनदेखी की जा रही है। इस मार्ग में यातायात पुलिस के द्वारा केवल दो पहिया वाहन एवं चार पहिया वाहनों पर ही कार्यवाही कर खानापूर्ति की जा रही है। बड़े वाहनों को खुले आम तेज रफ्तार वाहन भगाते हुए देखा जा सकता है। आखिर इन सीमेंट संयंत्रो में माल ढोने वाले इन 16 से 20 चक्का ट्रकों बल्कर व कैप्सूल वाहनों को छूट क्यों मिल रही है। इसकी जांच नहीं हो रही है। सूत्रों की माने तो बलौदा बाजार से सिमगा मार्ग पर चलने वाले अधिकतर बड़े वाहनों में नंबर प्लेट व उनके ध्वनि यंत्रों की जांच भी नहीं की जा रही है यहां तक कि ड्राइवर भी नशे की हालत में गाड़ी तेज गति से चलाते हैं यदि इन पर रोक नहीं लगाई गई तो आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं में वृद्धि होना तय है।

ट्रांसपोर्टरों को होती है मोटी कमाई
जिन ट्रांसपोर्टरों के पास अधिक संख्या में बलकर वाहन हैं उन्हें संयंत्रों में अच्छे मोटी रकम का ठेका उपलब्ध हो जाता है। उनके द्वारा मनमाने तरीके से 50 से 60 टन तक माल भरकर सड़कों की दुर्गति करने में लगे हुए हैं। आज देखा जाए तो बलौदा बाजार से सिंमगा तक की सड़क का मरम्मत का कार्य कुछ माह ही हुआ था किंतु आज फिर से पूरी सड़क में अनेको जगह दरारें व कई जगह सड़क पूरी तरह से उखड़ गई हैं किंतु ट्रकों के लोड में कोई कमी ना प्लांट के द्वारा और ना ही प्रशासन के द्वारा की जा रही है मोटी कमाई के चक्कर में सड़कों की बलि चढ़ाई जा रही है।

बगैर नंबर प्लेट के पुरानी गाड़ियां भी दौड़ रही इस मार्ग पर
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सीमेंट संयंत्रों में लोडिंग व अनलोडिंग का जो खेल चल रहा है उसमें सैकड़ों गाड़ियां पुरानी हैं जिनका फिटनेस प्रमाण पत्र सहित एयर पोलूशन व हार्न की जांच नहीं की जा रही है जिसके चलते पहले से ही संयंत्रों के प्रदूषण झेल रहे ग्रामीणों को ट्रकों से निकलने वाले धुये का प्रदूषण भी झेलना पड़ रहा है। (संवाददाता – राजेश्वर गिरी)