छत्तीसगढ़

राजिम में माघ पूर्णिमा पर त्रिवेणी संगम में भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी : राजिम कुंभ कल्प 2025 का शुभारम्भ आज

राजिम में माघ पूर्णिमा पर त्रिवेणी संगम में भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी : राजिम कुंभ कल्प 2025 का शुभारम्भ आज

रायपुर। प्रदेश के पावन तीर्थ त्रिवेणी संगम राजिम में आज माघ पूर्णिमा को राजिम कुंभ कल्प 2025 का शुभारंभ होने जा रहा है। आज सुबह त्रिवेणी संगम में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। महानदी में स्नान कर श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया और कुलेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर परिवार की खुशहाली की कामना की।

आज बुधवार शाम राज्यपाल रमेन डेका कुंभ का शुभारंभ करेंगे जो 26 फवरी तक चलेगा। उद्घाटन कार्यक्रम में पार्श्व गायिका मैथिली ठाकुर विशेष प्रस्तुति देंगी। बता दें कि 20 साल बाद मेला स्थल को बदला गया है। मेला अब संगम स्थल में नहीं बल्कि वहां से 750 मीटर दूर लक्ष्मण झूला और चौबे बांधा के बीच लग रहा है, जहां 54 एकड़ भूमि पर भव्य मंच तैयार किया गया है। इस बार देशभर से प्रख्यात संत-महापुरुषों की उपस्थिति इस महाकुंभ को दिव्यता प्रदान करेगी।

पंचकोशी धाम थीम पर विशेष आयोजन
इस वर्ष मेले की थीम “पंचकोशी धाम” पर आधारित होगी, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिकता और संस्कृति का भव्य अनुभव प्रदान करेगी। इस आयोजन के तहत धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन, संत समागम और आध्यात्मिक संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। आज 12 फरवरी माघ पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाले राजिम कुंभ कल्प मेला का समापन 26 फरवरी महाशिवरात्रि को होगा। इसके साथ ही 21 फरवरी से 26 फरवरी तक विराट संत समागम होगा। इस दौरान 12 फरवरी माघ पूर्णिमा, 21 फरवरी जानकी जयंती और 26 फरवरी महाशिवरात्रि को पर्व स्नान भी होंगे, जिसमें शाही जुलूस भी निकाली जाएगी। 12 फरवरी सुबह माघ पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रद्धालु पुण्य स्नान करेंगे। पुण्य स्नान पश्चात भगवान श्री राजीव लोचन एवं श्री कुलेश्वर महादेव, दानदानेश्वर, बाबा गरीबनाथ, लोमष ऋषि आश्रम दर्शन कर पुण्य लाभ लेंगे।

भक्तों और संतों का महासंगम
राजिम कुंभ कल्प मेले में देशभर से साधु-संतों, कथा वाचकों और श्रद्धालुओं का आगमन होगा। धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, लोककला और आध्यात्मिक संगोष्ठियों का आयोजन इस बार के कुंभ कल्प मेले को विशेष बनाएगा। मेला प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पेयजल, शौचालय, पार्किंग, रुकने और खाने-पीने की विशेष व्यवस्था की गई है।

Author Desk

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