छत्तीसगढ़

दर्री सरपंच ने अपना कार्यकाल आध्यात्मिक मानवीय परंपराओं से ओतप्रोत कार्य कर समाज को दिया एक अनुकरणीय संदेश


गौरवशाली परंपरा एवं संस्कारों को आगे बढ़ाना एक सच्चे जनप्रतिनिधि का धर्म उसके लिए रहेंगे वे सदैव समर्पित-: हिमांशु शेखर

धमतरी(प्रखर) ग्राम दर्री मैं एक अद्भुत विहंगम दृश्य वहां के सरपंच के आध्यात्मिक संस्कारों को अपने में समाए हुए मानवीय संवेदनशील भावनाओं से ओत-प्रोत से कार्य के रूप में देखने को मिला जब पिछले दिनों ग्राम के तालाब किनारे एक बंदर मृत अवस्था में पाया गया जिसके सूचना मिलते ही बिना विलम्ब किये ग्राम के युवा सरपंच हिमांशु शेखर साहू एवं उनके सभी सहयोगियों ने बंदर के मृत शरीर को पूरे विधि विधान के साथ नदी में अंतिम संस्कार संपूर्ण सनातन रीति से करते हुए सद्गति प्रदान कर अपने नैतिक धर्म का पालन किया जिसकी सर्वत्र सराहना भी हुई। मानवता का परिचय दिया । सरपंच हिमांशु शेखर ने एक अनौपचारिक चर्चा में कहा कि उनके शपथ ग्रहण के पूर्व ही उनके हाथों से नेक कार्य की शुरूआत किया जाना वास्तव में उनके सार्वजनिक जीवन को सफल एवं धन्य बनाता है हमारे पूर्वजों ने जो गौरवशाली परंपरा विभिन्न संस्कारों तथा परंपराओं को मान्यता के रूप में आगे बढ़ते हुए दिया है उसे गति देना जनप्रतिनिधि के रूप में उनका नैतिक धर्म है जिसके लिए वे सदैव समर्पित होकर कार्य करते रहेंगे और यही हमारे गांव की परंपरा है।इस नेक कार्य में सरपंच श्री हिमांशु शेखर साहू, ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष श्री अशोक साहु, एवं डिगेश्वर साहु, छत्रपाल साहु , छोटू साहू, रामचंद्र साहू गगनदीप साहु, संतोष निषाद, सुदामा निषाद, नेकु साहु एवं गांव के अन्य युवा मौजूद थे।

Author Desk

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