महादेव सट्टा ऐप केस : पूर्व सीएम भूपेश बघेल, विनोद वर्मा, देवेंद्र यादव, सौम्या, आईपीएस आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव सहित अन्य सीबीआई की रडार में

रायपुर। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास सहित कई स्थानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने महादेव सट्टा ऐप मामले में छापेमारी कर प्रदेश में तहलका मचा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित मकान में सीबीआई ने दबिश दी। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य बड़े रसूखदार अधिकारियों को भी सीबीआई ने नहीं बख्शा है। भूपेश बघेल के अलावा उनके राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया, आईपीएस आनंद छाबड़ा, आईपीएस आरिफ शेख, आईपीएस अभिषेक पल्लव, आईपीएस प्रशांत अग्रवाल, एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी, एडिशनल एसपी संजय ध्रुव के ठिकानों पर भी सीबीआई ने छापेमारी की है। राजनेताओं के साथ साथ बड़े पैमाने पर आईएएस और आईपीएस अधिकारीयों के ठिकानों पर सीबीआई की दबिश ने सभी को हिलाकर रख दिया। इससे पहले ईडी की टीम ने भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी की थी। दबिश कथित 6,000 करोड़ रुपये के महादेव एप घोटाले के सिलसिले में की जा रही है।
सीबीआई की छापेमारी के लेकर भूपेश बघेल के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘अब सीबीआई आई है। आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली एआईसीसी की बैठक के लिए गठित ‘ड्राफ्टिंग कमेटी’ की मीटिंग के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। उससे पूर्व ही सीबीआई रायपुर और भिलाई निवास पहुंच चुकी है।’
एएसपी अभिषेक महेश्वरी का घर सील
बता दें कि सीबीआई के छापे की कार्रवाई महादेव सट्टा एप मामले में हुई है। इस मामले में बघेल सरकार में प्रभावशाली अधिकारी रहे एएसपी अभिषेक महेश्वरी के घर को सील कर दिया गया है। सीबीआई की टीम जब महेश्वरी के घर पहुंची तो वहां वे मौजूद नहीं थे। वहीं बघेल सरकार में सीएम सचिवालय में उप सचिव रहीं सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित घर पर सीबीआई की टीम छान-बीन कर रही है। कुछ महत्वपूर्व दस्तावेज घर से बरामद किए जाने की चर्चा है। बताया जा रहा है केपीएस ग्रुप के त्रिपाठी परिवार के घर टीम ने दबिश दी है। इसके साथ ही भूपेश बघेल के ओएसडी रहे मनीष बंछोर और आशीष वर्मा के ठिकानों पर छापे की खबर है।
कांग्रेस कार्यकर्ता की पुलिस से झूमाझटकी
सीबीआई की पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पुरानी भिलाई निवास में कार्रवाई के दौरान निवास के बाहर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ता और पुलिस टीआई के बीच झूमाझटकी हो गई। सीबीआई दबिश के दौरान सीएसपी हरीश पाटिल के साथ 4 थानों के टीआई और 100 पुलिस जवान मौके पर मौजूद थे। कार्रवाई के दौरान कांग्रेस पार्षद के पति लाभेश मन्दरकर और जामुल टीआई कपिल देव पांडेय के बीच झूमाझटकी हुई। इसके पहले भी ईडी की कार्रवाई के दौरान के घर से सामने मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों की गाड़ी को रोकने का प्रयास किया था और झूमाझटकी की थी।
न कांग्रेस झुकेगी, न कांग्रेस रुकेगी : दीपक बैज
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि न कांग्रेस झुकेगी, न रुकेगी। दीपक बैज ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में कहा कि तमाम असफल छापों और नाकाम साजिशों के बाद, अब भाजपा ने सीबीआई को भूपेश बघेल और देवेंद्र यादव के पीछे लगा दिया। आज सुबह से ही सीबीआई हमारे दोनों नेताओं के घर पर जमी हुई है, लेकिन ये सत्ता की हताशा के सिवाय कुछ नहीं। लेकिन याद रखो – न कांग्रेस झुकेगी, न कांग्रेस रुकेगी. ये लड़ाई सिर्फ नेताओं की नहीं, हर उस सच्चाई की है, जिसे सत्ता के दम पर कुचलने की कोशिश हो रही है। भाजपा याद रखे – सत्य झुकता नहीं, और अन्याय का अंत निश्चित है।
निश्चिंत रहे, सत्य की जीत होगी : महंत
डॉ. चरण दास महंत ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में कहा कि ईडी, सीबीआई, आईटी केंद्रीय एजेंसियों का भाजपा सरकार लगातार विपक्ष के खिलाफ उपयोग कर रही है। यह लोकतंत्र के लिए बेहद ही खतरनाक कदम है। हर नाकाम कोशिश के बाद, आज सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और भिलाई विधायक देवेंद्र यादव के घर पर दबिश दी है। सुबह से ही सीबीआई हमारे दोनों नेताओं के घर पर जमी हुई है, लेकिन ये सत्ता के अन्याय के सिवाय कुछ नहीं। आप सत्य एवं न्याय के पथ पर है, तो ईश्वर आपके साथ है, फिर अंतर नहीं पड़ता कौन आपके विरुद्ध है, निश्चिंत रहे, सत्य की जीत होगी, अन्याय की हार।
भाजपा बौखला गई है : सुशील आनंद शुक्ला
कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “इससे पहले उन्होंने (भाजपा ने) उनके आवास पर ईडी को भेजा था। आज सीबीआई भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई आवास पर आई है। उनका आज दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में खलल डालने के लिए भाजपा ने आज उनके आवास पर सीबीआई की टीम भेजी है। भाजपा बौखला गई है क्योंकि वह राजनीतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पा रही है।”
अमरजीत भगत ने भाजपा को दी नसीहत
भूपेश सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस नेता अमरजीत भगत ने इस प्रकरण में “ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए, औरों को शीतल करे आपहू शीतल होए” दोहा कहते हुए भाजपा को हिदायत दी कि काम ऐसा कीजिए, जिससे जनमानस में अच्छा संदेश जाए। क्योंकि मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूरे ख़ुदा होता है। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल को जब-जब बड़ी जिम्मेदारी मिली, तब-तब केंद्रीय एजेंसियों को उनके पीछे छोड़ दिया गया। इससे कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है।
केंद्रीय एजेंसियां भ्रष्टाचार को संज्ञान में लेकर जांच करती : स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल
वहीं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सीबीआई की जाँच होती है तो सहयोग करना चाहिए। दुर्भाव से कार्य करने वाली बात नहीं करनी चाहिए। केंद्रीय एजेंसियां है, भ्रष्टाचार को संज्ञान में लेकर जांच करती हैं। इसके पहले चुनाव से पहले कार्रवाई की बात बोलते थे, अभी तो कोई चुनाव नहीं है। ये सब राजनीति से प्रेरित बातें हैं। सबको सहयोग करना चाहिए।
बेटिंग ऐप मामला :
महादेव बेटिंग ऐप केस एक हाई-प्रोफाइल घोटाला है जिसमें एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म शामिल है जो पोकर , कार्ड गेम, बैडमिंटन , टेनिस , फुटबॉल और क्रिकेट सहित विभिन्न खेलों पर अवैध जुआ खेलने में सक्षम बनाता है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार , ऐप का संचालन दुबई के पूर्व जूस विक्रेता सौरभ चंद्राकर और उसके साथी रवि उप्पल द्वारा किया जाता था, जो दोनों छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। ईडी ने आरोप लगाया था कि ऐप 70-30 लाभ अनुपात पर ज्ञात सहयोगियों को “पैनल/शाखाओं” की फ्रेंचाइजी देकर संचालित होता है, नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के एक जटिल नेटवर्क के माध्यम से धन शोधन के लिए मंच का उपयोग करता है। कथित तौर पर इस ऑपरेशन से प्रतिदिन 200 करोड़ रुपये की आश्चर्यजनक कमाई हुई। 21 अक्टूबर, 2023 को ईडी ने मामले में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल सहित 14 आरोपियों को नामजद किया गया। महादेव बेटिंग ऐप केस ने तब फिर से सुर्खियाँ बटोरीं जब प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप के प्रमोटरों से 508 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। ऐप प्रमोटरों से जुड़े होने का दावा करने वाले ‘कैश कूरियर’ असीम दास ने इस भुगतान का आरोप लगाया, जिससे राज्य विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक विवाद शुरू हो गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन आरोपों का खंडन करते हुए इन्हें अपनी छवि खराब करने का प्रयास बताया था।