राष्ट्रीय

लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास, आज राज्यसभा में सरकार की अग्नि परीक्षा

चर्चा के लिए 8 घंटे का समय तय

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लोकसभा में बुधवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के कड़े विरोध के बीच वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित करा लिया। इस बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया जबकि बिल के विरोध में 232 वोट पड़े। विपक्ष के सांसदों ने चर्चा के दौरान बिल के खिलाफ 100 से ज्यादा संशोधन प्रस्ताव दिए लेकिन वोटिंग के दौरान विपक्ष के सभी संशोधन गिर गए। आज गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया। अब इस पर चर्चा जारी है।

सरकार के पक्ष में है नंबर गेम का आंकड़ा

आज राज्यसभा में दोपहर 1 बजे वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया। इस पर राज्यसभा में बहस होगी, उसके बाद वोटिंग की प्रक्रिया होगी। अगर राज्यसभा का नंबर गेम देखें तो आंकड़ा यहां भी सरकार के फेवर में है। राज्यसभा में मौजूदा सांसदों की संख्या 236 है और बिल को पास कराने के लिए 119 सांसदों की जरुरत पड़ेगी। एनडीए जो वक्फ संशोधन बिल का सपोर्ट कर रही है, उसके सांसदों की संख्या 119 है और 6 मनोनीत सदस्य हैं जो सरकार का साथ ही देते हैं। ऐसे में बिल के समर्थन में 125 सांसद हैं। तो वहीं, बिल का विरोध करने वाली इंडिया ब्लॉक के सांसदों की संख्या 88 है और वायएसआर कांग्रेस ने बिल का विरोध करने का ऐलान कर दिया है ऐसे में बिल का विरोध करने वालों का आंकड़ा बढक़र 95 हो जा रहा है। जबकि 16 सांसद ऐसे हैं जिनपर संस्पेंस है कि वो बिल का समर्थन करेंगे या विरोध। लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि ये बिल मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है, बल्कि इससे मुस्लिमों को फायदा ही होगा।

लोकसभा में बोले शाह : वक्फ का इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ मिलता है

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह वक्फ पर प्रस्तावित कानून नहीं मानने की धमकी दे रहा, लेकिन यह संसद द्वारा पारित किया गया कानून होगा और इसे सभी को स्वीकार करना पड़ेगा। शाह ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान ‘वक्फ’ शब्द के अर्थ और इसके इतिहास पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वक्फ का इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ मिलता है और इसका अर्थ है ‘अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान, पवित्र धार्मिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का दान। अमित शाह ने कहा, ‘वक्फ एक अरबी शब्द है। वक्फ का इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ मिलता है और आज कल जिस अर्थ में वक्फ का प्रयोग किया जाता है, इसका अर्थ है अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान, पवित्र धार्मिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का दान। वक्फ का समकालीन अर्थ, इस्लाम के दूसरे खलीफा उमर के समय अस्तित्व में आया। एक प्रकार से आज की भाषा में व्याख्या करें तो वक्फ एक प्रकार का चैरिटेबल एनरोलमेंट है। जहां एक व्यक्ति संपत्ति, भूमि धार्मिक और सामाजिक भलाई के लिए दान करता है, बिना उसको वापिस लेने के उद्देश्य से।’

इससे देश में मुकदमेबाजी बढ़ेगी : कांग्रेस

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में बुधवार को आरोप लगाया कि एक विशेष समुदाय की जमीन पर सरकार की नजर है। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा वक्फ कानून में संशोधन होने पर देश में मुकदमेबाजी बढ़ेगी। उन्होंने सदन में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि वह यह नहीं कर रहे हैं कि संशोधन की जरूरत नहीं है, बल्कि संशोधन होना चाहिए और ‘‘हम इसके विरोध में नहीं हैं।’’ गोगोई ने कहा, ‘‘ यह कानून को और मजबूत बनाने के लिए होना चाहिए लेकिन इस विधेयक से देश में और समस्या बढ़ेगी, मसले बढ़ेंगे और मुकदमेबाजी भी बढ़ेगी।’’

वक्फ जो मन चाहे अब उस पर दावा नहीं कर पाएगा- शहजाद पूनावाला

यह संविधान की सुरक्षा की जीत है। वक्फ जो मन चाहे अब उस पर दावा नहीं कर पाएगा। सामाजिक न्याय की जीत हुई है। गरीब मुसलमानों, महिलाओं, अनाथ बच्चों आदि को भी वक्फ की संपत्ति से लाभ मिलेगा। यह सुशासन की भी जीत है। अब यह बिल राज्यसभा में जाएगा और जब यह कानून बन जाएगा तो सभी बुराइयां जो वक्फ प्रणाली में थीं वह खत्म हो जाएंगी। यह बिल गरीब मुसलमानों के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा और संवैधानिक व्यवस्था को कायम रखेगा।

 

ओवैसी ने फाड़ी बिल की प्रति

एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस बिल में वक्फ अल औलाद का नियम आर्टिकल 25 का वाइलेशन है। जब मैं अपनी प्रॉपर्टी को अल्लाह को मालिक बनाकर दे रहे हैं तो आपको उसमें दिक्कत है। अमित शाह बोले कि इतनी प्रॉपर्टी का चोरी हुआ कब्जा हुआ। अगर कोई प्रॉपर्टी बेचता है तो उसे 2 साल की सजा थी, आपने उसे 6 महीने कर दिया। वो गुनाह नॉन बेलेबल था, आपने उसे बेलेबल कर दिया। वक्फ बाई यूजर का कानून तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में हैं। ये बिल का मकसद सिर्फ मुसलमानों को जलील और रुसवा करना है और उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना है। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रिका के कानून को फाड़ दिया था तो मैं भी इसे फाड़ देता हूं। आगे असदुद्दीन ओवैसी ने संविधान संशोधन विधेयक की प्रति को फाड़ते हुए कहा कि यह कानून देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विवाद पैदा करने के लिए लाया गया है। यह दोनों धर्मों के लोगों के बीच विवाद बढ़ाने के लिए लाया गया है। बता दें कि संविधान संशोधन विधेयक को लेकर संभावना जताई जा रही है कि आज ही इसे लेकर वोटिंग की जाएगी। इस मामले पर आज दोपहर के बाद से ही लगातार चर्चा जारी है, जिसे लेकर अलग-अलग दलों के नेता इस मामले पर अपनी-अपनी राय रख रहे हैं।

Author Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button