छत्तीसगढ़

तोमर बंधु तो नहीं हुए गिरफ्तार, उल्टे थाना प्रभारी बदल गए, भगोड़ा घोषित कर रखना पड़ा ईनाम

तोमर बंधु तो नहीं हुए गिरफ्तार, उल्टे थाना प्रभारी बदल गए, भगोड़ा घोषित कर रखना पड़ा ईनाम

रायपुर। राजधानी के सूदखोर वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित तोमर की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। लंबे समय से फरार चल रहे इन दोनों हिस्ट्रीशीटर भाइयों की गिरफ्तारी के लिए रायपुर पुलिस ने अब इनाम की घोषणा कर दी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने फरार आरोपियों की सूचना देने वाले को 5,000 रुपये नगद इनाम देने की घोषणा की है। लेकिन पुरानी बस्ती थाना प्रभारी को हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के खिलाफ एक्शन लेना भारी पड़ गया। थाना प्रभारी का रायपुर से तबादला कर दिया गया है।

बता दें कि थाना पुरानी बस्ती में वीरेंद्र और रोहित तोमर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 308(2), 111(1) और छत्तीसगढ़ ऋणियों संरक्षण अधिनियम की धारा 04 के तहत मामला दर्ज है। दोनों आरोपी 5 जून 2025 को यह अपराध घटित कर फरार हो गए थे। पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी फरारी के दौरान गंभीर अपराध करने की क्षमता रखते हैं और उनका खुले में घूमना समाज के लिए घातक हो सकता है। यही वजह है कि रेगुलेशन के पैरा 80-ए के तहत कार्रवाई करते हुए इनकी सूचना देने पर इनाम घोषित किया गया है।

वीरेंद्र तोमर की पत्नी सुभ्रा तोमर और अन्य रिश्तेदार पहले से ही जेल में बंद हैं। सुभ्रा के खिलाफ भी संगठित अपराध की धाराओं में एफआईआर दर्ज है। तोमर ब्रदर्स पर कई अलग-अलग थानों में कर्जखोरी, धमकी और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर आरोप हैं। तोमर ब्रदर्स की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने विशेष टीम गठित की है। आरोपियों के हर संभावित ठिकानों पर टीम लगातार दबिश दे रही है। फिलहाल आरोपियों का अब तक कुछ भी पता नहीं चल सका है।

सूदखोर वीरेन्द्र तोमर और रोहित तोमर को पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया है। वहीँ वीरेंद्र की पत्नी और भाभी सहित कई साथी जेल जा चुके हैं। तोमर बंधू खुद को हिंदू संगठन का कर्ता धर्ता बताते हैं। जानकरी के अनुसार बैकडोर से तोमर बंधु की मदद सत्ताधारी पार्टी के लोग कर रहे हैं।

Author Desk

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