छत्तीसगढ़

किताब वितरण में भारी अव्यवस्था, निजी स्कूलों में अब तक नहीं पहुँची पुस्तकें -शिक्षा विभाग की गंभीर लापरवाही- राजा देवांगन

धमतरी (प्रखर) एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राजा देवांगन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में जारी अव्यवस्था को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि स्कूलों को खुले 15 दिन से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन धमतरी सहित पूरे प्रदेश के निजी विद्यालयों में किसी भी कक्षा की पाठ्य पुस्तकें अब तक नहीं पहुँची हैं। इससे छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है राजा देवांगन ने कहा कि कक्षा 1, 2, 3 और 6 का पाठ्यक्रम इस वर्ष पूरी तरह से बदला गया है, लेकिन नए किताबों की अनुपलब्धता के कारण निजी स्कूलों में बच्चों को पिछले वर्ष की पुरानी किताबों या पीडीएफ से पढ़ाने की मजबूरी है। यह स्थिति न केवल शिक्षा के स्तर को गिरा रही है, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ अन्याय है।प्रेस में प्रकाशित खबरों में राजधानी रायपुर स्थित डिपो में ही शिक्षकों द्वारा जमीन पर बैठकर स्कैनिंग करते हुए पुस्तकें छांटने की तस्वीरें सरकार की उदासीनता का आईना हैं। पुस्तक वितरण की कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं है, और निजी स्कूलों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से छत्तीसगढ़ में शिक्षा मंत्री का पद खाली है, और यही शिक्षा व्यवस्था की बदहाली का मुख्य कारण है। यह सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है, जो बच्चों के भविष्य को लेकर पूरी तरह उदासीन है।

एनएसयूआई धमतरी की माँगें:
• सभी शासकीय एवं निजी स्कूलों में अविलंब पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
• निजी विद्यालयों को भी समान प्राथमिकता के साथ पुस्तकें वितरित की जाएँ।
• शिक्षा विभाग में जवाबदेही तय की जाए और शिक्षा मंत्री की शीघ्र नियुक्ति की जाए।

राजा देवांगन ने कहा कि यदि सरकार शीघ्र सुधारात्मक कदम नहीं उठाती, तो एनएसयूआई छात्रहितों के लिए ज़मीनी आंदोलन की राह पर उतरेगी।

Author Desk

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