भखारा में विश्व आदिवासी दिवस पर उमड़ा जनसैलाब

जग-ज्वारा यात्रा, बिरसा मुंडा प्रतिमा का अनावरण और सांस्कृतिक झलकियों से सजा आयोजन
भखारा(प्रखर) विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर धमतरी जिले के भखारा में आयोजित जिला स्तरीय भव्य समारोह में आदिवासी संस्कृति, परंपरा और एकजुटता की अनूठी मिसाल देखने को मिली। दंतेश्वरी मंदिर से सुबह 11 बजे पारंपरिक जग-ज्वारा यात्रा निकाली गई, जिसकी अगुवाई डांग डोरी और आंगापेन ने की। यात्रा में आदिवासी समाज के युवक-युवतियों ने सामूहिक रेला पाटा का शानदार प्रदर्शन किया, वहीं देवी-देवताओं ने करसाड़ कर आशीर्वाद दिया। गायता पुजारी पूरे मार्ग में यात्रा के साथ रहे और नगरवासियों ने पेन शक्तियों का दर्शन किया।
कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण के रूप में अतिथियों द्वारा धरती आबा बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया गया। लगभग 1 किलोमीटर लंबी इस रैली में ऐतिहासिक भीड़ उमड़ी और पूरा नगर आदिवासी संस्कृति के रंग में रंग गया।
संस्कृति और परंपरा के जीवंत चित्र
कृषि उपज मंडी स्थित कार्यक्रम स्थल पर देव व्यवस्था के साथ आदिवासी विरासत को दर्शाने वाले कई स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें हाट बाजार, प्राकृतिक संरचना, आदिम आविष्कार, मानव सभ्यता का उदय, कृषि वाणिज्य, डीही डोंगर, सामाजिक संस्कार, कला-कौशल संस्कृति, राज व्यवस्था, भोजली उजोना, पहुंना देव, आंगादेव और पारंपरिक स्वागत द्वार विशेष आकर्षण रहे।
प्रतिभाओं को मिला सम्मान
आयोजन के दौरान 10वीं और 12वीं में 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों तथा शिक्षा, खेल, साहित्य, कला, संस्कृति और शासकीय सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 70 प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
समाज की 25 टीमों ने पारंपरिक आदिवासी नृत्यों की शानदार प्रस्तुतियाँ दीं, जिसने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अतिथियों ने रखी अपनी बात
मुख्य अतिथि सिहावा विधायक अम्बिका मरकाम ने कहा, “विश्व आदिवासी दिवस हमारे लिए गौरव का दिन है। हमारे समाज के वीरों ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन उन्हें इतिहास में स्थान नहीं मिला। आज हमें अपने अधिकारों के लिए सजग रहना होगा।” उन्होंने प्रदेश सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री होते हुए भी इस दिन को महत्व नहीं दिया गया और बड़े पैमाने पर जंगल कटाई कर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि धमतरी विधायक ओंकार साहू ने कहा, “आदिवासी समाज सृष्टि का जननी है, जो अपने अधिकारों के लिए निरंतर संघर्षरत है।” उन्होंने सरकार पर आदिवासी समाज की उपेक्षा और प्राकृतिक संसाधनों को उद्योगपतियों को सौंपने का आरोप लगाया।
नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति हरख जैन ने कहा कि आदिवासी समाज की अपनी अलग व्यवस्था और संस्कृति है, जिसने छत्तीसगढ़ की लोक परंपराओं को जीवित रखा है।
सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष जीवराखन मरई ने कहा कि जल, जंगल, जमीन और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए समाज को स्वयं जागरूक होकर संघर्ष करना होगा।
विशाल जनभागीदारी
कार्यक्रम में नगर पंचायत उपाध्यक्ष विष्णु साहू, पार्षद गोमती पटेल, अंजू साहू, परदेशी कंवर, छविलाल निर्मलकर, विधायक प्रतिनिधि हरख जैन सहित विभिन्न समाजों के प्रमुख, जनप्रतिनिधि और हजारों की संख्या में महिला, पुरुष और युवा शामिल हुए।
भखारा में हुआ यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रदर्शन था, बल्कि आदिवासी समाज की एकजुटता और अधिकारों की आवाज को बुलंद करने का भी सशक्त मंच साबित हुआ।इस अवसर पर नगर पंचायत के उपाध्यक्ष विष्णु साहू,पार्षद गोमती पटेल,अंजू साहू,परदेशी कंवर,छविलाल निर्मलकर,विधायक प्रतिनिधि हरख जैन, माधव सिंह ठाकुर,रामकृष्ण नेताम,महेश रावटे,कमल नारायण ध्रुव, डॉ डी आर ठाकुर,जयपाल ठाकुर,कांशीराम कंवर,राम प्रसाद मरकाम,रैनलाल देव,विश्राम दाऊ, देवनाथ नेताम,रामनारायण नगारची,कमल नारायण ध्रुव,टीकम कटारिया,विजय कण्डरा, उमेश देव,सोमनाथ मंडावी,ललित ठाकुर,सुरेश ध्रुव,नारायण नेताम,ठाकुर राम नेताम,होमन सिंह कतलाम, कुलेश्वर छेदैया,सेवकराम छेदैया,भूपेन्द्र नेताम, ईश्वरी नेताम,चन्द्रकला नेताम,पोखन कंवर,सुग्रीव नेताम,ईश्वर सिंह कंवर,संतोष नगारची,सेवक राम कंवर,अनुज कुमार,पुष्कर सिंह मरकाम,भूतनाथ पारधी,सुजान सिंह मंडावी,अनुज नेताम,गेवाराम नेताम,एच आर ध्रुव, उदय नेताम,स्कंद ध्रुव,दौलत राम ध्रुव,वी एस सिदार,नेमीचंद देव,रामेश्वर मरकाम,खिलेंद्र पडोटी,वेदप्रकाश ध्रुव,तिजेंद्र कुंजाम,हेमन्त ध्रुव,हर्ष मरकाम,देवराज नेताम,दीपक नेताम,रवि मरकाम,विजय मंडावी सहित हजारों की तादाद में आदिवासी समाज के प्रमुख,महिला,पुरुष और युवा शामिल हुए।