छत्तीसगढ़

आईएसबीएम विश्वविद्यालय में ट्रैफिक अवेयरनेस कार्यक्रम में सुरक्षित चलें, सुरक्षित रहें का संदेश गूंजा

 

घर में कोई आपका इंतज़ार कर रहा है — ‘नो हेलमेट, नो पेट्रोल’ और ‘सेफ ड्राइव, सेव लाइफ’ पर दिया गया जोर

 

यातायात प्रशिक्षक टी.के. भोई ने कहा कुछ सेकंड की जल्दबाज़ी, पूरी ज़िंदगी की परेशानी बन सकती है..

 

रायपुर। आईएसबीएम विश्वविद्यालय, रायपुर में आज शनिवार 25 अक्टूबर 2025 को सड़क सुरक्षा एवं यातायात जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टी.के. भोई, सहायक उपनिरीक्षक (यातायात प्रशिक्षक) रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद महलवार, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

 

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। तत्पश्चात स्वाति शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए उन्हें विद्यार्थियों से परिचित कराया और कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।

 

मुख्य अतिथि टी.के. भोई ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा —“दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट और चारपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाना सिर्फ नियम नहीं, बल्कि अपनी जान की सुरक्षा का सबसे आसान तरीका है। सड़क पर जिम्मेदारी से चलना एक समझदार नागरिक की पहचान है।”

उन्होंने कहा कि —सड़क पर मोबाइल का उपयोग न करें,गति सीमा का हमेशा पालन करें।

शराब पीकर वाहन चलाना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि किसी की जिंदगी को खतरे में डालना भी है, सड़क पार करते समय ‘देखो-दोनों तरफ, फिर चलो’ की आदत डालें। ओवरटेक करते समय संयम रखें, क्योंकि “कुछ सेकंड की जल्दबाज़ी, पूरी ज़िंदगी की परेशानी बन सकती है।”

 

टी.के. भोई ने ट्रैफिक सिग्नल, रोड मार्किंग, संकेतक बोर्ड और विद्युत संकेतों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति नियमों का पालन करे तो हर सड़क सुरक्षित बन सकती है।

 

इस अवसर पर डॉ. त्रिलोक चंद बाघ, एसोसिएट प्रोफेसर ने “नो हेलमेट, नो पेट्रोल” जैसे अभियानों को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय स्तर से ही युवा पीढ़ी में यातायात अनुशासन की भावना विकसित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा “यातायात के नियम केवल सड़क पर नहीं, बल्कि जीवन में अनुशासन सिखाते हैं।”

 

कुलपति डॉ. आनंद महलवार ने अपने संबोधन में कहा कि —सुरक्षा का पहला कदम है ‘सजगता’। जब हम स्वयं नियमों का पालन करते हैं, तो दूसरों के लिए प्रेरणा बनते हैं।”

कार्यक्रम के समापन पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री विनय अग्रवाल, कुलपति डॉ. आनंद महलवार, एवं रजिस्ट्रार डॉ बी पी भोल ने आयोजन समिति, शिक्षकों और छात्रों को कार्यक्रम की सफलता पर हार्दिक बधाई दी। सभी उपस्थितों ने यह संकल्प लिया कि वे स्वयं यातायात नियमों का पालन करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।

Author Desk

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