नगर निगम में अव्यवस्था की जकड़न! आयुक्त लापता, भुगतान ठप, डीज़ल घोटाला और लेन-देन के आरोप… विपक्ष ने डीएम ऑफिस का दरवाज़ा खटखटाया

धमतरी(प्रखर) धमतरी नगर निगम इन दिनों अव्यवस्थाओं के सबसे खराब दौर से गुजरता दिखाई दे रहा है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि शहर की मूलभूत सेवाएँ तक बाधित होने लगी हैं। सबसे बड़ा सवाल आयुक्त की लगातार 6 दिनों से गैर-हाजिरी को लेकर है। आयुक्त के हस्ताक्षर न होने से PMAY के तहत लाभार्थियों की किस्तें अटक गई हैं, फाइलें जमा हो चुकी हैं और शहर की ज़रूरी सेवाएँ ठप पड़ने लगी हैं।इन्हीं बढ़ती समस्याओं को लेकर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष दीपक सोनकर एवं पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधीश को विस्तारपूर्वक शिकायत पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि जब शहर समाधान चाहता है, तब निगम का सिस्टम खुद “सिस्टम फ़ेल” क्यों हो चुका है? शिकायत में निगम के सरकारी वाहन AH-5794 का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठा। यह वाहन महीनों से गैरेज में खड़ा बताया गया था, लेकिन इसके बावजूद डीज़ल की खपत हज़ारों लीटर में दिख रही है। नेताओं ने इसे “स्पष्ट डीज़ल घोटाला” बताते हुए तत्काल जांच की मांग की है।
सबसे गंभीर आरोप निगम के ही एक कर्मचारी पर लगाया गया, जिस पर एक लाभार्थी से 25 हजार रुपये वसूलने का आरोप है। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि शिकायत होने के बावजूद निगम प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है, जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसा है।
नेता प्रतिपक्ष सोनकर ने डीएम से साफ कहा कि—आयुक्त की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए,PMAY सहित लंबित भुगतानों को तुरंत जारी किया जाए,डीज़ल घोटाले व रिश्वतखोरी के आरोपों की निष्पक्ष जांच शुरू की जाए अन्यथा वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
प्रतिनिधिमंडल का यह भी कहना है कि नगर निगम की यह स्थिति न केवल जनता के भरोसे को चोट पहुँचा रही है, बल्कि शहर के विकास को सीधे पटरी से उतार रही है।
पार्षदों ने आरोप लगाया है सिस्टम पूरी तरह से फेल है आलम ये है कि पार्षद निधि के कार्यों के फाइलें तीन– तीन महीने से पेंडिंग है ।
यह पूरा मामला अब धमतरी में बहस का बड़ा विषय बन चुका है, और सवाल उठ रहा है कि आखिर नगर निगम में चल क्या रहा है? शिकायत करने वालो ने उपनेता प्रतिपक्ष विशु देवांगन , पार्षद सूरज गहरवाल, सुमन सोमेश मेश्राम ,उमा भागी ध्रुव, रामेश्वरी कोसरे शामिल रहे ।



