साधु-संतों एवं सनातन संस्कृति पर टिप्पणी के विरोध में भाजयुमो का विशाल प्रदर्शन

गांधी मैदान में कांग्रेस नेताओं का पुतला दहन, माफी की मांग को लेकर चेतावनी
धमतरी(प्रखर) कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं भूपेश बघेल एवं टी.एस. सिंहदेव द्वारा पूज्य साधु-संतों तथा सनातन संस्कृति के विरुद्ध की गई कथित अभद्र एवं आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) द्वारा सोमवार को गांधी मैदान में विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस दौरान कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया गया।
प्रदर्शन में भाजयुमो के जिलास्तरीय पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष, मोर्चा-प्रकोष्ठों के कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर “सनातन संस्कृति अमर रहे”, “साधु-संतों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” जैसे नारों से वातावरण गूंज उठा।
भाजयुमो नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी की राजनीति शुरू से ही देश की धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत को कमजोर करने की रही है। साधु-संत, जिन्होंने सदियों से समाज को सत्य, अहिंसा, सेवा और राष्ट्रभक्ति का मार्ग दिखाया है, उनके विरुद्ध इस प्रकार की भाषा न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि समाज की भावनाओं को आहत करने वाली भी है।
इस अवसर पर भाजयुमो जिलाध्यक्ष कैलाश सोनकर ने कहा कि सनातन संस्कृति भारत की आत्मा है और साधु-संत उसके संरक्षक हैं। उनके सम्मान के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। कांग्रेस नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी करोड़ों सनातनियों की आस्था पर सीधा प्रहार है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा भाजयुमो प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
जिला महामंत्री जय हिंदुजा ने कहा कि कांग्रेस की यह सोच देश को विभाजित करने वाली है। सनातन संस्कृति किसी एक वर्ग की नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता को जोड़ने वाली संस्कृति है। इसका अपमान किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा युवाओं को गुमराह करने और समाज में भ्रम फैलाने के लिए कांग्रेस लगातार सनातन मूल्यों को निशाना बना रही है। भाजयुमो का प्रत्येक कार्यकर्ता संस्कृति, परंपरा और संत समाज की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार है।
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस नेताओं के पोस्टर और पुतले जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। मौके पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन की भी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में सनातन संस्कृति की रक्षा, साधु-संतों के सम्मान और राष्ट्रहित में निरंतर संघर्ष करने का संकल्प लिया।



