छत्तीसगढ़

सुकमा और बीजापुर जिले में बनाए छह नए सुरक्षा कैंप

नक्सलवाद कसने पर सुरक्षा बलों की बड़ी तैयारी

जगदलपुर. छत्‍तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिले में सुरक्षा बल ने पिछले दस दिन में 10 कैंप स्थापित कर है। ये नक्सलवाद के सीने पर एक बड़ा प्रहार है। सुकमा के सालातोंग, पड़िया, मूलेर और बीजापुर में नक्सलियों के बढ़ गंगालूर क्षेत्र में डुमरीपालनार, चिंतावागु व पालनार में छह नए कैंप स्थापित किए हैं, जहां से नक्सलियों को खदेड़ने का अभियान चलेगा।

सुकमा में नक्सलियों के गढ़ सालातोंग में पगडंडी के किनारे माइलस्टोन बताता है कि पहले कभी यहां सड़क हुआ करती थी। अब सिर्फ पगडंडी है। 30 वर्ष पहले यह पगडंडी कोंटा से जगरगुंडा होते हुए किस्टाराम तक राजमार्ग हुआ करती थी। नक्सलियों ने इस क्षेत्र को अपना गढ़ बना लिया। यह क्षेत्र नक्सलियों के सबसे ताकतवर संगठन दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की प्रभारी व केंद्रीय समिति सदस्य सुजाता सहित बटालियन नंबर एक का कमांडर हिड़मा का गढ़ है।

दो जवान हो चुके घायल

सुकमा एएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि सालातोंग के लिए 50 से अधिक गाड़ियों में कैंप स्थापित करने का सामान लेकर जेसीबी, पोकलेन से रास्ता बनाते हुए दो दिन में वहां पहुंचे थे। रास्ते में नक्सलियों ने आइईडी बिछाए थे, जिसमें दो बहादुर जवान घायल हो गए। पहले यहां से सीधे कोंटा तक सड़क थी। सुकमा में गोगुंडा की पहाड़ी नक्सलियों के दरभा डिविजन कमेटी का सुरक्षित ठिकाना हुआ करती थी। सुरक्षा बल ने यहां पड़िया व मूलेर में कैंप लगाया है। यहां दरभा डिविजन प्रभारी श्याम दादा उर्फ चैतु का गढ़ है।

Author Desk

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