छत्तीसगढ़

” ब्रह्माबाबा ने नारी सशक्तिकरण का अद्भुत मिसाल कायम किया””पवित्रता, दिव्यता और नम्रता के शिखर पुरुष थे ब्रह्मा बाबा”

“ब्रह्मा बाबा की 55 वी पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई “

धमतरी- युगों युगों तक अबला समझी जाने वाली नारी के परतंत्रता की बेड़ियां काट उनकी आध्यात्मिक शक्ति को पहचान उन्हें उच्च स्वमान देकर विश्व कल्याण की सेवा में लगाकर ब्रह्मा बाबा ने नारी सशक्तिकरण का अद्भुत मिसाल कायम किया ।उन्होंने माता बहनों की एक विशाल आध्यात्मिक वाहिनी तैयार कर दी, जो भारत ही नहीं वरन विश्व के कोने-कोने में निर्भयता के साथ ब्रह्माकुमारी संस्थान के माध्यम से सत्य ज्ञान के प्रचार में लगी हुई है।

उक्त विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साकार संस्थापक पिता श्री ब्रह्मा बाबा के 55 वे पुण्य स्मृति दिवस के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज दिव्य धाम में आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने रखे ।

आपने कहा कि पिताश्री ब्रह्मा बाबा अपने लौकिक जीवन में हीरे जवाहरात के प्रसिद्ध व्यापारी थे ,उन्हें मान , शान, पद, प्रतिष्ठा ,भौतिक सुखों के अपार साधन प्राप्त थे ।लेकिन जैसे ही उनके तन में निराकार परमात्मा शिव की प्रवेशता हुई उन्होंने अपनी अपार संपत्ति माताओ- बहनों का ट्रस्ट बनाकर सब कुछ ईश्वरीय कार्य अर्थ समर्पित कर दिया । वे स्वयं एक आदर्श सेवाधारी के रूप में सेवारत रहे। वे पवित्रता दिव्यता और नम्रता के शिखर पुरुष थे । उनके त्याग तपस्या और समर्पणता से उनके द्वारा आरंभ किया गया छोटा सा ओम मंडली सत्संग आज 140 देशों में दस हजार सेवाकेंद्रों के रूप में एक विशाल वट वृक्ष की भांति फैल गया। वह सहनशीलता के अवतार थे नया ज्ञान होने के कारण शुरुआती दौर में कई विघ्न भी आए लेकिन ब्रह्मा बाबा ने स्वयं को निमित्त समझ शिव बाबा की शिव बाबा की याद से,ज्ञान बाल और तपोबल से आई हुई परिस्थितियों का सामना किया।
ब्रह्माकुमारी संस्थान में ब्रह्मा बाबा की 55वीं पुण्यतिथि “विश्व शांति दिवस” के रूप में मनाई गई। संस्थान से जुड़े विश्व भर के लाखों भाई बहनों ने मौन रहकर ब्रह्मा बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की ।
सेवाकेंद्र पर सुबह 6 बजे से ही भाई बहनों ने मौन मे रहकर तपस्या की , ईश्वरीय महावाक्य सुने ,ब्रह्मा बाबा को सरिता दीदी सहित सैकड़ों भाई बहनों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। साथ ही जिन भाई बहनों ने एक मास तक 120 घंटे की तपस्या की उन सभी का सम्मान किया गया l

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