सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु प्रदूषण बोर्ड को लगाई फटकार, ईशा फाउंडेशन के खिलाफ देर से याचिका दाखिल करने पर सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु प्रदूषण बोर्ड को लगाई फटकार, ईशा फाउंडेशन के खिलाफ देर से याचिका दाखिल करने पर सवाल
चेन्नई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) को कड़ी फटकार लगाई है, क्योंकि उसने मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ दो साल बाद याचिका दायर की है, जिसमें 2006 से 2014 के बीच कई इमारतों का निर्माण करने के लिए ईशा फाउंडेशन के खिलाफ कारण बताओ नोटिस को रद्द करने का आदेश दिया गया था।
कोयंबटूर में ईशा फाउंडेशन के योग केंद्र से जुड़ा मामला
ये मामला कोयंबटूर जिले में बने योग केंद्र से जुड़ा है, जिसे सदगुरु जग्गी वासुदेव की ईशा फाउंडेशन ने बनाया है। मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन के खिलाफ जारी नोटिस को रद्द कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने टीएनपीसीबी की याचिका को ‘नौकरशाहों का मैत्रीपूर्ण खेल’ करार दिया और कहा कि यह सिर्फ अदालत की औपचारिक मंजूरी लेने जैसा है।
तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने महाधिवक्ता पीएस रमन से कहा कि अब जब ईशा फाउंडेशन ने कोयंबटूर जिले के वेल्लियांगिरी में एक योग और ध्यान केंद्र का निर्माण किया है, तो राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पर्यावरण अनुपालन हो। वहीं इस मामले में ईशा फाउंडेशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत से शिवरात्रि के बाद मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया, उन्होंने कहा कि एक बड़ा समारोह आयोजित किया जाना है।