छत्तीसगढ़

208 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में तेजी

208 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में तेजी

रायपुर। जगदलपुर में आज बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसर्पण किया है। 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों को अब सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही, अबूझमाड़ का अधिकांश हिस्सा नक्सली प्रभाव से मुक्त हो जाएगा और बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर के बाद माना जा रहा है कि उत्तरी बस्तर में काफी हद तक लाल आतंक का अंत हो जाएगा। अब केवल दक्षिणी बस्तर ही बचा है।

सरकार की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति तथा पुलिस, सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन और अन्य हितधारकों के प्रयासों की ऐतिहासिक उपलब्धि के तहत समर्पण की स्थिति निर्मित हुई। सरकार की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति के उल्लेखनीय परिणामस्वरूप दण्डकारण्य क्षेत्र के कुल 210 माओवादी कैडर जिनमें एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, 4 डीकेएसजेडसी सदस्य 21डिविजनल कमेटी सदस्य तथा अन्य वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल हैं जिन्होंने हिंसा का मार्ग छोडक़र सामाजिक मुख्यधारा में वापसी की है। यह निर्णायक और ऐतिहासिक घटनाक्रम क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में माओवादी कैडरों के सबसे बड़े सामूहिक पुनर्समावेशन के रूप में दर्ज होगी।

वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में शांति, विकास और विश्वास परिवर्तन की नींव बने हैं। यह ऐतिहासिक आत्मसमर्पण केंद्र एवं राज्य सरकार के मार्गदर्शन में पुलिस, सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन तथा सजग एवं जागरूक समाज के समन्वित और सतत प्रयासों का परिणाम है। शांति, संवाद और विकास पर कैद्रित निरंतर प्रयासों ने अनेक कैडरों को हिंसा त्यागकर कानून और समाज की मर्यादा में सम्मानजनक, शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण जीवन अपनाने हेतु प्रेरित किया है।

बड़ी संख्या में हथियार बरामद
नक्सलियों ने आत्मसमर्पण के दौरान कुल 153 हथियार भी अधिकारियों को सौंपे। इन हथियारों में 19 एके-47 राइफल, 17 एसएलआर राइफल, 23 इंसास राइफल, 1 इंसास एलएमजी, 36 .303 राइफल, 4 कार्बाइन, 11 बीजीएल लॉन्चर, 41 बारह बोर/सिंगल शॉट गन और 1 पिस्तौल शामिल है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि इस बड़े आत्मसमर्पण के बाद उत्तर बस्तर में नक्सल गतिविधियों का लगभग अंत हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि अब अभियान का अगला चरण दक्षिण बस्तर पर केंद्रित होगा, ताकि छत्तीसगढ़ को पूरी तरह लाल आतंक से मुक्त कराया जा सके।

Author Desk

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