छत्तीसगढ़

मतदाता का दुर्भावना पूर्वक नाम नहीं कटे, कांग्रेस के बीएलओ और कार्यकर्ता करेंगे निगरानी

राजीव भवन में कांग्रेस की एसआईआर निगरानी समिति की हुई बैठक

रायपुर। देश के 12 राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ में भी मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। यह एसआईआर को लेकर कांग्रेस की निगरानी समिति की आज बैठक हुई। इस बैठक में छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव, निगरानी समिति के संयोजक मोहन मरकाम, पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, एआईसीसी सचिव राजेश तिवारी, देवेन्द्र यादव, शैलेश नितिन त्रिवेदी, महामंत्री सकलेन कामदार, संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला सहित अन्य नेता शामिल हुए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि कांग्रेस के बीएलओ पूरी सजगता से इस कार्यक्रम की निगरानी रखेंगे। किसी भी मतदाता का गलत और दुर्भावना पूर्वक नाम नहीं काटा जाये। कांग्रेस के बीएलओ और कार्यकर्ता इसकी निगरानी करेंगे। पूरे एसआईआर के काम प्रदेश में सतत निगरानी के लिये पीसीसी में कंट्रोल रूम स्थापित किया जायेगा। सभी सदस्य अपने प्रभार लोकसभा में जिला एवं ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों से समन्वय स्थापित कर निगरानी करेंगे। जिला एवं विधानसभा स्तर में भी निगरानी समिति का विस्तार किया जायेगा। कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल निर्वाचन आयोग से भी मिलेगा तथा समय बढ़ाने की मांग करेगा। दस्तावेज जमा करने और सत्यापन के लिए मतदाता को दी जा रही समय सीमा 1 माह अपर्याप्त है। वर्तमान में राज्य में धान कटाई का समय चल रहा उसके बाद धान बेचने किसानों को सोसायटी में जाना पड़ता है, अत: यह समय बढ़ाना आवश्यक है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जहां चुनाव में पर्याप्त 3 साल का समय है, वहां यह जल्द बाजी क्यों? अत: इस समय सीमा को बढ़ा कर न्यूनतम तीन माह किया जाय ताकि कोई छूटे नहीं।

 

एसआईआर को लेकर कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण पत्रकार वार्ता राजीव भवन में एसआईआर निगरानी कमेटी के संयोजक मोहन मरकाम सह संयोजक धनेन्द्र साहू, एआईसीसी सचिव देवेन्द्र यादव ने संबोधित किया। पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस एसआईआर निगरानी समिति के संयोजक मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि आयोग यह सुनिश्चित करे कि एस आई आर के काम में पारदर्शिता और ईमानदारी हो। कांग्रेस ने पहले भी कहा था आयोग यह सुनिश्चित करे कि एसआईआर किसी राजनैतिक दल का एजेंडा नहीं है। एस आई आर का का काम मूल रूप से बीएलओ के माध्यम से ही पूरा होगा। बीएलओ घर-घर जा कर दस्तावेज का मिलान करेगा, कांग्रेस पार्टी मांग करती है बीएलओ हर घर में भौतिक रूप से जरूर पहुंचे यह सुनिश्चित किया जाए और बीएलओ जब मतदाता के घर आए तो उसके आने का पुष्टि प्रमाण पत्र मतदाता से लिखवा कर ले। इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि बीएलओ ने एक जगह बैठ कर कागजी सर्वे नहीं किया। निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची का इलेक्ट्रॉनिक डेटा सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराना चाहिए और किसी भी संशोधन से पहले सभी दलों के बीएलए से चर्चा करनी चाहिए, इसके बिना किसी भी नागरिक से मतदान का अधिकार छीनना लोकतंत्र के खिलाफ अपराध है। किसी मतदाता का नाम सूची से काटा जाए तो वह अपात्र है यह प्रमाणित करने का दायित्व आयोग का होना चाहिए न कि मतदाता का।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं एसआईआर कमेटी के सह संयोजक धनेन्द्र साहू ने कहा कि दस्तावेज जमा करने और सत्यापन के लिए मतदाता को दी जा रही। समय सीमा 1 माह अपर्याप्त है। वर्तमान में राज्य में धान कटाई का समय चल रहा उसके बाद धान बेचने किसानों को सोसायटी में जाना पड़ता है, अत: यह समय बढ़ाना आवश्यक है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जहां चुनाव में पर्याप्त 3 साल का समय है, वहां यह जल्द बाजी क्यों? अत: इस समय सीमा को बढ़ा कर न्यूनतम तीन माह किया जाय ताकि कोई छूटे नहीं।

एआईसीसी सचिव देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा आयोग के साथ मिलकर मतदाता सूची में गड़बड़ी कर रही है। पूरे देश में यह स्थितियां बनी है। बिहार में भी यही हुआ। छत्तीसगढ़ में हम निगरानी रखेंगे की किसी का नाम गलत ढंग से ना काटा जा सके।

Author Desk

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