वीर बाल दिवस पर साहिबज़ादों के बलिदान को किया गया नमन

मुख्य अतिथि रंजना साहू ने कहा – साहिबज़ादों का बलिदान बच्चों को साहस और धर्म के मार्ग पर चलने की देता है प्रेरणा
धमतरी(प्रखर)एकीकृत बाल विकास परियोजना, धमतरी ग्रामीण अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला धमतरी द्वारा ग्राम तेलीनसत्ती स्थित सिन्हा कलार समाज भवन में वीर बाल दिवस का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य गुरु गोविंद सिंह जी के वीर सपूत साहिबज़ादे जोरावर सिंह जी एवं साहिबज़ादे फतेह सिंह जी की अमर शहादत को स्मरण कर उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाना रहा।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं धमतरी की पूर्व विधायक श्रीमती रंजना डीपेंद्र साहू रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं साहिबज़ादों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में श्रीमती रंजना साहू ने कहा कि साहिबज़ादे जोरावर सिंह जी और साहिबज़ादे फतेह सिंह जी की शहादत केवल सिख इतिहास ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारतवर्ष के लिए साहस, धर्म और आत्मसम्मान की अनुपम मिसाल है। इतनी कम उम्र में भी उन्होंने अत्याचार और अन्याय के सामने झुकने के बजाय सत्य और धर्म के मार्ग को चुना। उनका बलिदान हमें यह सिखाता है कि धर्म, संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प और निडरता सबसे बड़ा हथियार होते हैं।
उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस केवल स्मरण का दिन नहीं, बल्कि बच्चों के चरित्र निर्माण का एक महत्वपूर्ण अवसर है। आज के समय में बच्चों को ऐसे महान बलिदानों की कहानियाँ सुनाना आवश्यक है, जिससे उनमें साहस, नैतिकता और देशभक्ति के संस्कार विकसित हों और वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस प्रकार के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इससे बच्चों में अपने इतिहास के प्रति गर्व और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना उत्पन्न होती है।
कार्यक्रम में रांवा मंडल महामंत्री श्री राकेश सिन्हा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएँ, स्थानीय जनप्रतिनिधि, समाज के वरिष्ठजन, महिलाएँ तथा बड़ी संख्या में बच्चे उपस्थित रहे। इस दौरान बच्चों द्वारा देशभक्ति से जुड़े गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी दी गईं।
कार्यक्रम का समापन साहिबज़ादों की शहादत को नमन करते हुए इस संकल्प के साथ किया गया कि उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाया जाएगा और आने वाली पीढ़ी को उनके बलिदान की प्रेरणा दी जाती रहेगी।



