
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने बिजली दर नहीं बढ़ाए जाने की घोषणा के बावजूद लगातार बिजली दर में की गई बढ़ोतरी को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर प्रहार किया और कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के साथ ठगी की है। सीएसपीडीसीएल ने एक आदेश निकालकर आयोग से कहा है कि 15.25 फीसदी की बिलिंग की जा रही है जो सभी वर्गों के लिए लागू होगी। इसमें से 14.3 प्रतिशत बढ़ा हुआ बिजली बिल में जुलाई पेड अगस्त से जोड़ा जाए और 1.02 प्रतिशत को कैरी फारवर्ड करते हुए आगे ले जाया जाए। पांडेय ने कहा कि चूँकि वर्तमान घाटे की भरपाई कांग्रेस सरकार द्वारा नहीं की गई है, इसलिए वर्तमान 15.25% की वृद्धि के अलावा अगले साल भी टैरिफ लगभग 20 प्रतिशत बढ़ना तय है। इतनी तेजी से बढ़ रहे टैरिफ से उद्योगों के बीच अभी से खलबली मची हुई है और बाजार की प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाने का डर सताने लगा है।
पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने आरोप लगाया कि अप्रैल में मुख्यमंत्री बघेल ने बिजली दर नहीं बढ़ाने की बात कही थी, लेकिन अप्रैल की बिजली मई महीने में 5.33 प्रतिशत, मई की बिजली जून में 10.88 प्रतिशत और जून की बिजली जुलाई में 15.25 प्रतिशत महंगी हो गई। इसके चलते घरेलू, गैर घरेलू, किसान और उद्योग सभी वर्गों के उपभोक्ता खुद को असहाय पा रहे हैं। बिजली दर नहीं बढ़ाने का मुख्यमंत्री बघेल का दावा तीन माह में ही हवा हो गया। पांडेय ने कहा कि सरकार सामने बिजली दर नहीं बढ़ाने का दावा करती है लेकिन पिछले दरवाजे से वह बिजली बढ़ाती जाती है। पांडेय ने बताया कि सबसे पहले तो यह बताया जाता है कि जिस बिजली दर पर हम बिजली खरीद रहे हैं, वह कम होती है, जबकि सरकार वह बिजली अधिक दर पर खरीदती है। इसमें जो अंतर की रासि होती है, उसको हर महीने समायोजित करती है। दूसरी बाजीगरी यह करते हैं कि प्राप्त रेवेन्यू को ज्यादा बताते हैं जबकि घाटा ज्यादा हुआ रहता है और उसको छिपाया जाता है। तीसरी बाजीगरी यह की जाती है कि पिछले घाटे की भरपाई की जाकर उसे आगे बढ़ा दिया जाता है।
पूर्व मंत्री पांडेय ने कहा कि हाफ बिजली बिल योजना का पैसा जनता से ही बिजली बिल के मार्फत वसूला जा रहा है तो इस सरकार ने जनता को दिया क्या? सरकार ने प्रदेश की जनता को कागजी आंकड़ों की बाजीगरी का खेल दिखाया है और 15.25% की फौरी टैरिफ वृद्धि एवं अगले साल के लिए लगभग 20% की वृद्धि की चिंता बिजली उपभोक्ताओं के मत्थे मढ़ दी है।