डॉ चित्रा नाग के जन्म दिवस के अवसर पर उनकी स्मृति में ओषधीय पौधा परिचय व रोपण कार्यक्रम
धमतरी – डॉ चित्रा नाग के जन्म दिवस पर उनके स्मृति में आरोग्य भारती जिला धमतरी के द्वारा एक दिवसीय औषधीय पौधा परिचय एवम रोपण कार्यक्रम का आयोजन श्री गायत्री आयुष पॉली क्लीनिक धमतरी में रखा गया था ।जिसमें मुख्य अतिथि एवम मुख्य वक्ता एडवोकेट राजेन्द्र अग्रवाल, बिलासपुर वरिष्ठ प्रान्त उपाध्यक्ष एवम वनोषधि प्रमुख आरोग्य भारती, कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ वी एन त्रिपाठी जिला आयुर्वेद अधिकारी धमतरी, विशिष्ट अतिथि श्रीमती संध्या हिरवानी प्रान्त अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ धीवर समाज, श्रीमती स्वाति बल्लाल महिला अध्यक्ष हाउसिंग बोर्ड कालोनी , श्रीमती शकुंतला साहू कोषाध्यक्ष लॉयन्स क्लब , श्रीमती लक्ष्मी देवांगन संचालिका बालाजी कोसा कलेक्सन , दिलीप नाग राज्यपाल व राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक जिलासमन्यक गायत्री परिवार धमतरी व श्रीमती आशा धीवर अध्यक्ष महिला प्रकोष्ट जिला धमतरी थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ भगवान धन्वंतरि का पूजन स्तवन के साथ डॉ चित्रा नाग प्रतिमा में माल्यार्पण के साथ प्रारम्भ हुआ ।तत्पश्चात अतिथि स्वागत अव चिकित्सालय के कर्मचारियों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया । अतिथि परिचय व स्वगात उद्बोधन में डॉ दिनेश कुमार नाग ने बताया कि डॉ चित्रा का प्रारंभ से ही जड़ी बूटियों पेड़ पौधों से लगाव था और अपने चिकित्सालय में प्रारम्भ से ही औषधि पौधा का रोपण किया गया था जैसे गिलोय जो कि आज 10 वर्षो में एक वृहत रूप धारण कर चुका है काफी संख्या में लोग उसका स्वरस सेवन कर स्वास्थ लाभ उठा रहे है, साथ ही साथ यंहा शतावरी, गुड़मार, पत्थरचट्टा वासा अडूसा, नीम, तुलसी,आदि यंहा परिषर लगाए है जो कि लोगो के जागरूकता के एक मिसाल है । आज वो नही है फिर भी इन पेड़ पौधो के रूप में है , सभी विशिष्ठ अतिथियों ने डॉ चित्रा को याद कर भावुक हो गए और उनके द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में किये गए कार्यो का उल्लेख किया ।मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि डॉ चित्रा एक बहुत ही मिलन सार व कुशल नेतृत्व की धनी थी बहुत अलप समय मे वो बहुत आगे बढ़ गयी थी हर जगह उनका यंहा अहसाह है। वनोषधि परिचय में उन्होंने बताया कि हर पौधे व वनस्पति में औषधीय गुण है बस उनको जानकर उपयोग में लाना आवश्यक है जिसके लिए आरोग्य भारती निरंतर इस क्षेत्र में पूरे प्रान्त व राष्ट्र में विभिन्न प्रबोधन व कार्यशाला के द्वारा कार्य कर रही है। उसी क्रम में उन्होंने गिलोय , चिरायता, तुलशी, नीम, एलोवेरा, जायफल, हरीतकी ,आमलकी, अपराजिता, गुड़मार व किचन के मसालों आदि के औषधीय गुणों की विस्तृत जानकारी दी कि उनका कौन सा अंग कब और कैसे उपयोग करना चाहिए तत्पश्चात अध्यक्ष ने भी अपने उद्बोधन में बताए कि आज आयुर्वेद समाज की आवश्यकता है क्योंकि यह एक ऐसी पद्धति है। जो कि रोगी के स्वास्थ्य की रक्षा के साथ साथ स्वस्थ व्यक्ति को भी निरोग रखता है ।आरोग्य भारती के द्वारा इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम की सराहना की व साथ ही साथ इस चिकित्सालय में किये जा रहे आयुर्वेद पंचकर्म व प्राकृतिक चिकित्सा बारे में कहा कि बहुत कम स्थानों में इस प्रकार की चिकित्सा उपलब्ध है निश्चित रूप से इसका लाभ क्षेत्र के लोगो को लेना चाहिये।
अंत मे सभी अतिथियों के द्वारा गिलोय का रोपण नीम के वृक्ष के पास किया गया और सभी को अपने घर मे रोपण हेतु गिलोय व शतावरी का बीज निःशुल्क वितरित किया गया ।कार्यक्रम में डॉ गुरुदयाल साहू, धर्मेंद्र सिन्हा,श्रीमती डॉमिन नाग श्रीमती अनिता साहू, श्रीमति वर्मा मेडम जी , डी एल नाग श्रीमती सरस्वती नाग , पूजा, महेंद्र , खिलेश्वर, रेणु, सुरेंद्र, संगीता प्रियंका , गायत्री ,सुमन ,रानू , लच्छवन्तीन , हरिश्चंद्र, हेमंत तनिष, उमेन्द्र झरना तान्या, संजना आदि सहित लगभग 60 से अधिक लोग उपस्थित थे ।कार्यक्रम का आभार डॉ दिनेश नाग ने व संचालन उमराव साहू द्वारा किया गया ।
