शातिर चोरों ने चलती ट्रेन से फेंके विदेशी नोट, घर में सुरंग बनाकर छिपाए गहने, पुलिस ने दो बड़ी चोरियों का किया खुलासा

शातिर चोरों ने चलती ट्रेन से फेंके विदेशी नोट, घर में सुरंग बनाकर छिपाए गहने, पुलिस ने दो बड़ी चोरियों का किया खुलासा
रायपुर. छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मकानों से लाखों रुपए के गहने और नकदी चोरी करने वाले शातिर चोरों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। इन चोरों ने जो माल चोरी किया था उसमें 10 लाख रुपए विदेशी मुद्रा भी थी। विदेशी नोटों को इन्होंने चलती ट्रेने से उड़ा दिए।
चोरों को डर था कि उनके पास यदि विदेशी मुद्रा रहेगी तो पुलिस उन्हें आतंकी समझ सकती है, इसलिए उन्होंने ट्रेन से सारे रुपए फेंक दिए। इतना ही नहीं इन चारों ने गहने और नकदी छिपाने के लिए घर के अंदर ही सुरंग बना ली थी। इसी सुरंग में ये चोरी का माल रखते थे।
बताया जाता है कि इधर दूसरे मामले में चोर ने चोरी किए गहने और नकदी को पहले सड़क पर पड़ी रेत में छिपा दिया। इसके बाद घर लेकर चला गया। जानकारी मिली है कि चोर की पत्नी को जब ये सारी जानकारी के बारे में पता चला तो वह उसे छोड़कर मायके चली गई। पुलिस ने दो मामले में 6 आरोपियों को अरेस्ट किया हे। इसमें दो नाबालिग है।
यहां से की थी विदेश मुद्रा की चोरी
पुलिस ने जानकारी दी कि देवेंद्र नगर निवासी अजीत कुमार मिश्रा ने 11 अप्रैल और बजरंग लाल करनानी ने 21 अप्रैल को मकान में चोरी की रिपोर्ट लिखवाई थी। बजरंग लाल के घर से चोरों ने सोने-चांदी के गहने और लगभग 10 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा भी चोरी कर ली थी। पुलिस ने चोरों की तलाश शुरू की और ओडिशा पहुंची। वहां से सुनील सोना उर्फ बिलवा और लक्ष्मण छुरा को अरेस्ट किया है। पूछताछ में आरोपियों ने व्यापारियों के मकान में चोरी करने की बात कबूल की है। दोनों ने यहां चोरी करने से पहले 2 अप्रैल को गुढ़ियारी से एक बाइक चोरी की थी, जिसका इस्तेमाल उन्होंने चोरी में किया।
गहने सुरंग में छिपाए
आरोपियों ने पुलिस को यह भी जानकारी दी कि चोरी के माल में विदेशी नोट भी थे। उन्होंने उसे चलती हुई ट्रेन से फेंक दिया। विदेश नोट के बारे में उन्होंने कहा कि कहीं पुलिस विदेशी नोट के साथ पकड़ती है तो उन्हें आतंकवादी समझेंगे। इसके अलावा नकदी और गहने की तलाश करने जब पुलिस आरोपियों के घर पहुंची तो देखकर हैरान रह गई। आरोपियों ने ओडिशा में बने अपने घर में चोरी का माल छिपाने के लिए सुरंग बनाई थी। एक कमरे के कोने से यह सुरंग अंदर जाकर तहखाने की तरह थी।