छत्तीसगढ़

ग्राम रांवा व पोटियाडीह में संगीतमय रामधूनी प्रतियोगिता  का रसपान करने पहुचे –  विधायक ओंकार साहू    

रामधूनी में राम नाम के गुणगान से गांव भक्तिमय हों जाता हैं – ओंकार साहू

                                                                             धमतरी (प्रखर) ग्राम पोटियाडीह व रावा मे समस्त ग्राम वासियों  तत्वावधान में श्री अखंड रामधूनी प्रतियोगिता  का आयोजन किया   गया । इस कार्यक्रम  में  विधायक ओंकार साहू   मुख्य अतिथि रूप में पहुंच कर   समस्त ग्राम वासियों से मुलाकात किया ।  और भगवान रामचंद्र जी की छायाचित्र का पूजा अर्चना कर रामधूनी में राम नाम का श्रवण किये अपने उद्बोधन में   उन्होंने  कहा कि आपके ग्राम पोटियाडीह  में यह रामधुनी कार्यक्रम विगत 29 वर्षों से हो रहा है यह सौभाग्य की बात है रामधूनी केवल एक धार्मिक कार्यक्रम ही नहीं है बल्कि यह मनुष्य के जीवन  को  सीख  देने वाला  है । रामधूनी में जहां भागवान राम को  मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है  वहीं माता सीता को पवित्रता दर्शाया गया है ‌। रामायण में लक्षण और भरत दोनों का अपने भाई के प्रति अथाह प्रेम दिखाया गया है। रामधूनी के हर एक चरित्र में कुछ न कुछ शिक्षा अवश्य प्राप्त होती है। यदि व्यक्ति रामधूनी को देखने के साथ साथ  उससे मिलने वाली सिख का अपने जीवन में अनुसरण करें तो वह एक सफल जीवन व्यतीत कर सकता है । रामधूनी में कुछ ऐसी ही महत्वपूर्ण  बातें बताया जाता है  जिसमें जीवन का  सार  छिपा  होता है।  ओंकार साहू  ने कहा कि रामायण हमें धैर्य और गंभीर बनने कि सीख देता है  जिस प्रकार  रामायण में भगवान राम , माता सीता और लक्ष्मण तीनों ने चौदह वर्ष  तक विपरीत परिस्थितियों में भी संयम के साथ समय व्यतीत किया । रामायण के इस बात से हमें सीख मिलती है कि व्यक्ति को हर परिस्थिति में संयम बरतना चाहिए। जो व्यक्ति सुख और दुख में संयम और धैर्य बनाए रखता है वह विषम परिस्थितियों से लड़कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।  साथ ही साथ विधायक कहते हैं कि रामायण  हमें परिवार  एवं अपने परिवेश में एकता बनाए रखने कि सीख देता है जिस समय भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास में थे तब उनके भाई लक्ष्मण ने सभी सुखों को त्याग करके उनके साथ वन को चले गए । और अपने भ्राता और भाभी का माता-पिता के समान सेवा करते रहे तो वहीं भरत ने भगवान राम के खड़ाउ को  सिंहासन में रखकर उनको शासक मानते हुए राज काज संभाला  । इससे सीख मिलती है कि परिवार में  सदैव एकता रखनी चाहिए। जब वनवास के समय रावण ने माता सीता  का हरण किया तो  राम जी ने उस समय अपना आत्मविश्वास नहीं डगमगाने दिया  उन्होंने सभी को एकत्र कर समुद्र में सेतु का निर्माण किया  और रावण का वध करके माता सीता को वापस लाए ओंकार साहू कहते हैं कि योजना बनाकर  एकता के साथ कार्य किया जाये तो कठिन से कठिन कार्य भी पूरा किया जा सकता है  और लक्ष्य कि प्राप्ति कि जा सकती है। अपने उद्बोधन के अन्त धमतरी विधायक ने कहा कि हम जय श्री राम तो बोलते है पर हमें जय सिया राम का भी उच्चारण करना चाहिए ताकि  श्री राम के साथ- साथ माता सीता के नाम का भी उच्चारण हो और उनके जरिए हमारे माताओं का सम्मान बड़े। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से ग्राम पोटियाडीह मे नरेंद्र कांकेरिया, जितेंद्र यादव उपसरपंच, रामकुमार सिन्हा, चेतन दुलार देवांगन, रामनारायण सिन्हा, रोहित ध्रुव, रामेश्वर सिन्हा,अंकुरपूरी, गोस्वामी,विक्रम कांकेरिहा, चन्द्रहास साहू, रोहित ध्रुव, बिसाहू राम साहू , रामाधीन सिन्हा, नरेन्द्र ढीमर , संतोष किरण, चंद्रहास साहू, लक्ष्मी साहू ढेरहा राम साहू, खोर्बहरा ध्रुव, प्रीतम सिन्हा, विदेशी यादव जगदेव साहू व साथ में  ग्राम रावा में गोपालन पटेल सरपंच ग्राम पंचयात रावा, नीलमणि साहू जोन अध्यक्ष कांग्रेस, जीवराज  साहू उपसरपंच, नरसिंग साहू , लालचंद साहू, डालेश्वर साहू, मुनाराम साहू, जीवन लाल साहू, मोहन लाल साहू, कुलेश्वर सिन्हा, लोकनाथ पटेल राधेश्याम सिन्हा, नारायण लाल सिन्हा, मन्नू लाल साहू , धर्मेंद्र केसरवानी, दुलार सिंग साहू   साथ में बड़ी संख्या में ग्राम वासियो एवं मातृ शक्तियों की उपस्थिति रही |

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