छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक आंदोलन है : सुरेंद्र शर्मा

रायपुर। एक जून से तीन जून तक कलाधानी रायगढ़ में आयोजित रामायण महोत्सव कोई धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक आयोजन है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि रामायण महोत्सव समाज को संदेश देने के लिए है राज्य को उस दिशा में ले जाने का प्रयास है जो अयोध्या के राजा राम के समय था। राम राज्य आज तक के सर्वश्रेष्ठ राज्य प्रणाली मानी गई है जहां सभी के साथ न्याय होता था, न्याय क्या है न्याय यह है कि सभी को सामान अवसर मिले, स्वतंत्रता मिले, कोई किसी के जीवन में बाधा न बने अवरोध न बने। अगर आप राम के चरित्र को देखेंगे तो समझ आएगा की रामराज्य स्थापित करने के पूर्व उन्होंने समाज के सभी अवरोधों को हटाया।
सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि निषादराज को गले लगाकर उन्होंने जातिय असमानता के अवरोध को समाप्त किया, अहिल्या का उद्धार कर उन्होंने स्त्रियों को मिल रहे अनुचित दंड को निरस्त कर दिया, शबरी के जूठे बेर खा कर प्रेम की सर्वोच्चता को मान्यता दी, बाली का वध कर पीड़ित के साथ खड़े होने की प्रेरणा दी। हनुमान और अंगद को भेजकर रावण को हर संभव समझाने का प्रयास किया ताकि अनावश्यक हिंसा से बचा जा सके, अपने उत्कृष्ट नेतृत्व से वानरों द्वारा न सिर्फ़ दैत्यों का संहार किया बल्कि उन्हीं के द्वारा समुद्र में सेतु बंधन कर उनकी सृजन शिलता को उभारा, विभीषण से संधि कर लंका वासियों को संदेश दिया कि राम आक्रांता नहीं है लंका विभीषण के अधीन रहेगा और वे सुरक्षित रहेंगे।

सुरेंद्र शर्मा ने आगे कहा कि रामायण हर आदमी का मार्ग दर्शन करता है चाहे वह किसी जाति का हो, किसी धर्म का हो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रामायण महोत्सव का आयोजन कर देश को यही संदेश देना चाहते है सबके लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहते है। यह आयोजन सिर्फ़ सांस्कृतिक आयोजन न होकर बहुत बड़ा संदेश है। आइये हम सब रामराज्य की दिशा में बढ़ें।

Author Desk

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button