सामूहिक नेतृत्व में प्रचार किया जाता, तो चुनाव के परिणाम ऐसे नहीं होते : अमरजीत भगत

सामूहिक नेतृत्व में प्रचार किया जाता, तो चुनाव के परिणाम ऐसे नहीं होते : अमरजीत भगत
कहा बस्तर के आदिवासियों पर ध्यान, सरगुजा में पूछ परख नहीं
रायपुर। पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने निकाय चुनाव में करारी शिकस्त के बाद सामने आया है जहां एक तरफ उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में सामंजस्य की कमी को हार का कारण बताया है तो दूसरी ओर कांग्रेस को आदिवासी विरोधी बताने वाला बयान दे दिया है.
उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि जनता का जनादेश तो स्वीकार करना ही पड़ेगा लेकिन हार के कई कारण है जिसमें कांग्रेस के नेताओं में आपसी सामंजस्य की कमी शामिल है। सीनियर नेता सिर्फ अपने क्षेत्र तक सीमित रह गए, यदि सामूहिक नेतृत्व में प्रदेशभर में प्रचार किया जाता, तो चुनाव के परिणाम ऐसे नहीं होते। शीर्ष नेतृत्व में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पीसीसी चीफ दीपक बैज और पूर्व मंत्रियों का जिक्र किया है। अमरजीत भगत का कहना था कि प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी है तो अकेले उसे सूली पर चढ़ा दिया जाए ये सही नहीं है। हार की जिम्मेदारी सभी नेताओं की है।
अमरजीत भगत ने कहा कि उधर बीजेपी ने आदिवासी मुख्यमंत्री बनाया है। इधर एक आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की तैयारी है, इससे समाज में क्या संदेश जाएगा? ऐसा कह कर उन्होंने एक बार फिर आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की ओर इशारा किया है। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस के नेताओं को सिर्फ बस्तर के आदिवासियों पर ध्यान होता है। सरगुजा के आदिवासियों की पूछ-परख नहीं है, सरगुजा क्षेत्र के आदिवासी कही नहीं दिखते। पार्टी को सरगुजा के आदिवासियों पर देना चाहिए ध्यान।