
आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के विरुद्ध गैर-जमानती धाराओं में दर्ज होगी एफआईआर
रायपुर। ब्राह्मण समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के विरुद्ध स्थानीय अदालत ने गैर जमानती धाराओं 196, 299 एवं 353 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इस प्रकरण में अधिवक्ता अंजिनेश शुक्ला, निमिष किरण शर्मा व संदीप थोरानी ने पैरवी की।
दरअसल, 18 अप्रैल को अनुराग कश्यप ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी करते हुए लिखा था कि “मैं ब्राह्मणों पर मूतूंगा, कोई प्रॉब्लम?”। इस कथन से आहत होकर अधिवक्ता शुक्ला ने संबंधित थाना प्रभारी के समक्ष 20 अप्रैल को शिकायत दर्ज करवाई थी।
शुक्ला के आवेदन पर थाना प्रभारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस की उदासीनता से क्षुब्ध होकर अंजिनेश अंजय शुक्ला ने रायपुर जिला न्यायालय में अनुराग कश्यप के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग करते हुए एक परिवाद प्रस्तुत किया था।
प्रकरण की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शुक्ला ने सर्वोच्च न्यायालय तथा विभिन्न उच्च न्यायालयों के प्रासंगिक निर्णयों का उल्लेख करते हुए न्यायालय के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया कि उक्त टिप्पणी न केवल सामाजिक सौहार्द को भंग करने वाली है, बल्कि यह विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली और दंडनीय अपराध की श्रेणी में आती है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आकांशा बेक ने प्रस्तुत तर्कों और विधिक दृष्टांतों का संज्ञान लेते हुए उन्हें विधिसम्मत माना और फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के विरुद्ध संबंधित धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु संबंधित पुलिस थाने को निर्देशित किया है।
इस प्रकरण पर एडवोकेट अंजिनेश शुक्ला ने मीडिया को बताया कि शिकायत के अध्यार पर एफआईआर न होने पर उन्होंने कोर्ट का रुख़ किया था। मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को आधार मानते हुए कोर्ट ने अनुराग कश्यप के ख़िलाफ़ हेट स्पीच के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 196, 299 और 353 के तहत अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है, जो कि नोन बैलेबल है।