अहमदाबाद विमान हादसा : एएआईबी रिपोर्ट में कई अहम खुलासे, हादसे के वक्त विमान का लैंडिंग गियर लीवर था डाउन

अहमदाबाद विमान हादसा : एएआईबी रिपोर्ट में कई अहम खुलासे, हादसे के वक्त विमान का लैंडिंग गियर लीवर था डाउन
नई दिल्ली। अहमदाबाद विमान हादसे के एक महीने बाद एअर इंडिया की ड्रीमलाइनर 787-8 फ्लाइट क्रैश के कारणों पर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में कई अहम खुलासे हुए हैं। सबसे बड़ा खुलासा विमान के थ्रर्स्ट लीवर को लेकर हुआ है। रिपोर्ट में दिखाई गई तस्वीर में विमान के थ्रस्ट लीवर निष्क्रिय (पीछे की ओर) पाए गए। जबकि विमान के डाटा के मुताबिक टक्कर लगने तक दोनों थ्रस्ट लीवर आगे की ओर थे। मौके पर मिले थ्रस्ट लीवर की स्थिति और डाटा में थ्रस्ट लीवर की हालत अलग-अलग है। थ्रस्ट लीवर का काम विमान की गति को नियंत्रित करना और इंजन को ताकत देना है।
एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान में आग लगने से थ्रस्ट लीवर को काफी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में दी गई तस्वीर में थ्रस्ट लीवर पीछे की ओर यानि निष्क्रिय पाए गए हैं। इसका मतलब है कि हादसे के वक्त इंजन की ताकत को कम किया गया। जबकि विमान के डाटा से पता चला है कि टक्कर लगने तक विमान के थ्रस्ट लीवर आगे की ओर यानि सक्रिय थे। इससे लगता है कि दोनों पायलटों ने आखिरी वक्त तक हादसे को टालने का प्रयास किया। इससे यह भी साफ है कि इंजन की स्थिति को पायलटों ने कमजोर करने की कोशिश नहीं की।
विमान में दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच कट ऑफ स्थिति में पाए गए। इससे ईंधन आपूर्ति रुक गई और दोनों इंजन बंद हो गए। जबकि विमान के डाटा में फ्यूल कंट्रोल स्विच रन की स्थिति में था। इससे साफ है कि पायलट ने इंजन को दोबारा चालू करने की कोशिश की। रिपोर्ट में कहा गया कि फ्लैप हैंडल को आग लगने से नुकसान हुआ। हैंडल को 5-डिग्री फ्लैप स्थिति में मजबूती से फंसा हुआ पाया गया। यह सामान्य टेकऑफ सेटिंग के अनुरूप है। विमान के डाटा में भी यह स्थिति मिली। इसके अलावा विमान का लैंडिंग गियर लीवर भी डाउन स्थिति में पाया गया। जबकि रिवर्सर लीवर मुड़े हुए थे, लेकिन स्टोव्ड स्थिति में (नीचे की ओर) थे। इसके अलावा टेक ऑफ-गो अराउंड स्विच और ऑटोथ्रॉटल डिस्कनेक्ट स्विच की वायरिंग दिखाई दे रही थी, लेकिन बुरी तरह क्षतिग्रस्त थी।
हादसे ठीक पहले एक इंजन चालू हो गया था
रिपोर्ट के मुताबिक, पायलटों ने इंजन को फिर से चालू करने का प्रयास किया। इंजन 1 ने तो फिर से चालू हो गया, लेकिन इंजन 2 फिर से चालू नहीं हो सका। जिसके बाद वह मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया। विमान केवल 32 सेकेंड के लिए हवा में रहा था। बता दें कि एअर इंडिया का अत्याधुनिक विमान- बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 बीते 12 जून को अहमदाबाद के मेघाणीनगर में उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड्स बाद क्रैश हो गया। विमान में सवार 242 लोगों में 12 क्रू के सदस्य थे। यात्रियों में 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, एक कनाडाई नागरिक और 7 पुर्तगाली नागरिक शामिल थे। हादसे के समय मेघाणीनगर में मौजूद कई लोग हताहत हुए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
क्या होता है लैंडिग गियर लीवर?
किसी भी विमान में लैंडिंग गियर लीवर का डाउन पोजीशन में होना एक बहुत ही महत्वपूर्ण तकनीकी पहलू है, जो विमान के टेकआफ और लैंडिंग के दौरान अहम भूमिका निभाता है। लैंडिंग गियर विमान का वह महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसमें पहिए, स्ट्रट्स और अन्य सपोर्टिंग सिस्टम शामिल होते हैं। यह विमान के टेक-ऑफ, लैंडिंग और जमीन पर चलने (टैक्सीइंग) के दौरान सहारा देता है। लैंडिंग गियर को आमतौर पर नीचे या ऊपर किया जा सकता है, और इसे नियंत्रित करने के लिए कॉकपिट में एक लैंडिंग गियर लीवर होता है।
लैंडिग गियर लीवर डाउन होने का क्या है मतलब?
लैंडिंग गियर लीवर जब डाउन पोजीशन में होता है तो इसका मतलब ये होता है कि पायलट ने लैंडिंग गियर को नीचे करने का आदेश दिया है। इसका ये भी मतलब होता है कि लैंडिंग गियर पूरी तरह बाहर है और लॉक पोजीशन में है। यह स्थिति आमतौर पर टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान इस्तेमाल होती है, क्योंकि इन चरणों में विमान को जमीन पर सपोर्ट चाहिए। लैंडिंग गियर जब नीचे होता है तो विमान जमीन पर सुरक्षित रूप से टैक्सी (चल सकता है), टेक ऑफ कर सकता है या फिर लैंड कर सकता है।