मानव तस्करी और धर्मांतरण मामला : सेशन कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका, अब एनआईए कोर्ट में चलेगा मामला
बजरंगदल ने गिरफ्तार नन मामले में लीपापोती होने पर प्रदेश बंद और चक्काजाम की चेतावनी दी

मानव तस्करी और धर्मांतरण मामला : सेशन कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका, अब एनआईए कोर्ट में चलेगा मामला
रायपुर। मानव तस्करी और धर्मांतरण मामले में ननों को लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट से झटका लगा है। सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अब मामला बिलासपुर स्थित एनआईए कोर्ट में सुना जाएगा। लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट के जज अनीश दुबे ने बताया कि मानव तस्करी का मामला होने के कारण यह प्रकरण हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं आता। इस मामले में सुनवाई का अधिकार केवल एनआईए कोर्ट को है। अब वकील राजकुमार तिवारी ने बिलासपुर स्थित एनआईए कोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल दोनों ननों को जेल में ही रहना होगा।
बजरंगदल ने गिरफ्तार नन मामले में लीपापोती होने पर प्रदेश बंद और चक्काजाम की चेतावनी दी
दुर्ग में गिरफ्तार दो ननो के मामले में बजरंग दल ने कार्रवाई की मांग की है। बजरंगदल ने मामले में लीपापोती होने पर छत्तीसगढ़ बंद और चक्काजाम की चेतावनी दी है। छत्तीसगढ़ में बजरंग दल ने दो नन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बजरंग दल के संयोजक ऋषि मिश्रा ने कहा हमारी सूचना पर ही दुर्ग जीआरपी ने एफआईआर की है। राज्य सरकार मामले में लीपापोती ना करे, लीपापोती हुई तो बजरंग दल आंदोलन करेगा। कार्रवाई नहीं तो छग बंद या चक्काजाम करेंगे। कानून को अपना काम करने देना चाहिए। ऋषि मिश्रा ने कहा कांग्रेस के डीएनए में हिंदू विरोध है। कांग्रेस को सपने में भी बजरंग दल दिखता है।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा नन मामले को लेकर बजरंग दल के उग्र आंदोलन पर कहा बेहद संवेदनशील मामला है, आदिवासी समाज की बेटियों से जुड़ा मामला है। जांच की प्रक्रिया चल रही है। राजनीति नहीं, जांच के नतीजों की प्रतीक्षा करें। उन्होंने आगे कहा जो तथ्य सामने आएंगे, उसी पर होगी कार्रवाई। वहीँ अमरजीत भगत के बयान पर अरुण साव ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा ऐसे मामले पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। जांच प्रक्रिया के दौरान बयानबाज़ी अनुचित है यह संवेदनहीन राजनीति का उदाहरण।
भूपेश बघेल और महादेव पोस्टर विवाद पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने हमलावर अंदाज में कहा भ्रष्टाचार के लिए भोले बाबा के नाम को नहीं छोड़ा गया।
महादेव ऐप घोटाला बहुत बड़ा रैकेट है। सावन के पवित्र महीने में ऑपरेशन सिंदूर और महादेव के बाद देशद्रोहियों को मिट्टी में मिलाया गया। उन्होंने कहा माता-बहनों के सिंदूर उजाडऩे वालों को सजा मिली है।