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श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में भीषण ब्लास्ट, 9 की मौत, 29 घायल

इसी थाने में जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद के सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल संबंध में दर्ज हुई थी एफआईआर

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने में शुक्रवार रात करीब 11:20 बजे भारी विस्फोट हुआ। इसमें नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक पुलिसकर्मियों समेत 27 लोग घायल हो गए। धमाके से लगी भीषण आग में वहां खड़े एक दर्जन से अधिक वाहन जल गए। विस्फोट इतना तेज था कि इसकी आवाज सात किलोमीटर दूर राजबाग, पुराना सचिवालय, छानपोरा, सनतनगर, रावलपोरा और पंथा चौक क्षेत्र में भी सुनाई दी। जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद के सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ इसी पुलिस थाने में 19 अक्तूबर को दर्ज मामले में हुआ था। इस पुलिस थाने की जांच में ही दो ओजीडब्ल्यू की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए थे।

वहीँ गृह मंत्रालय ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। गृह मंत्रालय ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा नौगाम पुलिस ने ही डॉक्टर मॉड्यूल का खुलासा किया था। फरीदाबाद से जब्त विस्फोटक थाने में रखे गए थे। फॉरेंसिंक जांच के दौरान धमाका हो गया। धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई है। इसमें कोई आंतकी एंगल नहीं है, यह एक हादसा था।

पुलिस ने सील किया इलाका

विस्फोट होने के तुरंत बाद पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया। वहीं, घटनास्थल की ओर जाने वाले सभी रास्ते भी बंद कर दिए। देर रात किसी को भी आगे नहीं जाने दिया जा रहा था। यह साफ नहीं हो सका कि नौगाम पुलिस थाने में पूरा 2,900 किलो जब्त विस्फोटक रखा गया था या इसकी कुछ मात्रा यहां रखी गई थी।

चश्मदीद ने कहा
चश्मदीद तारिक अहमद ने समाचार एजेंसी से कहा, हमने एक जोरदार विस्फोट सुना। 11 बजकर 22 मिनट पर जोरदार धमाका हुआ। हम लोग तो पहले डर गए। 15-20 तो यह समझने में लग गया कि यह है क्या? जब लोग बाहर निकले हमने वहां से लोगों को रोते हुए देखा, तो हमें पता चला कि पुलिस स्टेशन में कुछ हुआ है। जब हम पहुंचे तो देखा कि वहां तो कयामत थी, छोटी कयामत जैसा था। वहां सब कुछ तबाह हो गया था, बहुत सारा धुआं था, लाशें थीं और सिर थे। हमारे लोग और पड़ोसी मर गए हैं और यह एक बहुत बड़ा नुकसान है। मुझे नहीं पता इसमें किसकी गलती है, लेकिन इसमें बहुत सारा नुकसान हुआ है।

घटना के कारण के बारे में कोई अन्य अटकलें अनावश्यक : डीजीपी

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का आकलन करने के बाद रवाना हो गए। विस्फोट के कारणों की जांच अभी जारी है। डीजीपी नलिन प्रभात ने कहा कि नौगाम थाने में दर्ज एफआईआर की जांच के दौरान, 9 और 10 नवंबर को फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, रसायन और रीजेंट भी बरामद किए गए थे। यह बरामदगी, बाकी बरामदगी की तरह, पुलिस स्टेशन नौगाम के खुले क्षेत्र में सुरक्षित रूप से रखी गई थी। उन्होंने कहा, बरामदगी के नमूनों को आगे की फॉरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजा जाना था। बरामदगी की भारी प्रकृति के कारण, एफएसएल टीम द्वारा यह प्रक्रिया पिछले 2 दिनों से, यानी कल और परसों से चल रही थी।

डीजीपी ने कहा, दुर्भाग्यवश, कल रात लगभग 11.20 बजे एक आकस्मिक विस्फोट हो गया। इस घटना के कारण के बारे में कोई अन्य अटकलें अनावश्यक हैं। इस घटना में 9 लोगों की जान चली गई है। एसआईए के 1 कर्मी, एफएसएल टीम के 3 कर्मी, 2 क्राइम सीन फोटोग्राफर, 2 राजस्व अधिकारी जो मजिस्ट्रेट की टीम का हिस्सा थे, 1 दर्जी जो टीम से जुड़े थे। इसके अलावा, 27 पुलिसकर्मी, 2 राजस्व अधिकारी और आसपास के इलाकों के 3 नागरिक घायल हो गए हैं, जिन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।

डीजीपी ने बताया कि, पुलिस स्टेशन की इमारत बहुत गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है और यहां तक क आस-पास की इमारतें भी प्रभावित हुई हैं। यह नुकसान कितना हुआ इसका पता लगाया जा रहा है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की जांच की जा रही है। दुख की इस घड़ी में जम्मू-कश्मीर पुलिस मृतकों के परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है।

दिल्ली ब्लास्ट: दर्जन भर डॉक्टरों के फोन धमाके के बाद से बंद

दिल्ली में लाल किले के पास हाल ही में हुए बम धमाके के मामले में जांच एजेंसियों को बड़ा सुराग मिला है। गिरफ्तार संदिग्ध डॉक्टरों के साथ-साथ डॉक्टर मुजम्मिल के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड यानी कि सीडीआर से एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, एजेंसियों ने डॉक्टरों की एक लंबी लिस्ट तैयार की है। इसमें अल फलाह यूनिवर्सिटी से पढ़े और वहां काम करने वाले डॉक्टरों की संख्या ज्यादा है। इनमें से कई डॉक्टरों के फोन उमर के बम धमाके के बाद से बंद हैं, जिन्हें जांच एजेंसियां ट्रेस कर रही हैं। सूत्र बताते हैं कि करीब एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों की तलाश की जा रही है, जो जैश से जुड़े इन संदिग्धों के संपर्क में थे।

एटीएस ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से 60 कश्मीरी स्टूडेंट की रिपोर्ट मांगी

लखनऊ। दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट के बाद एंटी टेरर स्कॉड ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन से 60 छात्र-छात्राओं की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसी यूनिवर्सिटी में डॉ परवे पढ़ाया करता था, जिसने दिल्ली धमाके से ठीक 3 दिन पहले रिजाइन कर दिया था। डॉ परवेज़, डॉ शाहीन का सगा भाई है। इसीलिए एटीएस पूरे मामले की पड़ताल करना चाहती है। एटीएस ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रचार डॉ संजय कला से पूछताछ कर तमाम दस्तावेजों को खंगाला। एटीएस ने शाहीन सिद्दीकी के करीबी बताए जा रहे डॉ मोहम्मद आरिफ को उनके कानपुर स्थित आवास से हिरासत में लिया है। जांच व सुरक्षा एजेंसियां अब उनसे हर एक पहलू की गहनता से पूछताछ कर रही हैं। मोहम्मद आरिफ ने कानपुर के हृदय रोग संस्थान में बीते 3 महीने पहले ही ज्वाइन किया था। अब ऐसे में जब उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े ह्रुदयरोग संस्थान से उनका जुड़ाव सामने आया है। इसके बाद संस्थान के डायरेक्टर राकेश वर्मा ने एक बड़ी कवायत करते हुए सभी डॉक्टरों के वेरिफिकेशन का फैसला लिया है।

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