गुरु गोबिंद सिंह का जीवन पीढिय़ों को सत्य, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है : पीएम मोदी

गुरु गोबिंद सिंह का जीवन पीढिय़ों को सत्य, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है : पीएम मोदी
नई दिल्ली। देशभर में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मदिन के अवसर पर आज प्रकाशोत्सव मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश उत्सव के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने गुरु जी के साहस, करुणा और बलिदान की याद दिलाई और कहा कि उनका जीवन पीढिय़ों को सत्य, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने हमेशा सेवा और निस्वार्थ कर्तव्य की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि हम उनके सामने श्रद्धा के साथ झुकते हैं। उनका जीवन हमें मानव सम्मान की रक्षा करने और धर्म के लिए खड़े होने की सीख देता है।
पटना साहिब की तस्वीरें भी साझा कीं
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर इस साल की अपनी यात्रा के दौरान तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने वहां श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और माता साहिब कौर जी के पवित्र जोड़े साहिब का दर्शन किया। पटना साहिब गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान है।
बता दें कि देशभर में प्रकाशोत्सव पर्व गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। गुरुद्वारों को प्रकाश (रोशनी) से सजाया जाता है। इसके अलावा आनंद पाठ और प्रभात फेरी का आयोजन भी किया जाता है, जो मुख्य उत्सव से कुछ दिन पहले शुरू हो जाती हैं। इसके पहले, 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया गया, जिसमें गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे पुत्र साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के बलिदान को याद किया गया। इनकी उम्र केवल नौ और छह वर्ष थी, लेकिन उन्होंने सिख धर्म की गरिमा और सम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 9 जनवरी 2022 को घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा, ताकि गुरु जी के पुत्रों की शहादत और बलिदान को हमेशा याद रखा जा सके।
औरंगजेब भूल गया था कि हमारे गुरु साधारण मनुष्य नहीं थे
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा था, औरंगजेब जानता था कि यदि वह भारत की जनता में भय उत्पन्न करना चाहता है और उन्हें धर्मांतरण के लिए मजबूर करना चाहता है, तो उसे सबसे पहले भारतीयों का मनोबल तोडऩा होगा। इसीलिए उसने साहिबजादों को अपना निशाना बनाया। लेकिन औरंगजेब और उसके सिपहसालार यह भूल गए थे कि हमारे गुरु साधारण मनुष्य नहीं थे। वे तपस्या और त्याग के साक्षात अवतार थे।’ मोदी ने कहा कि माता गुजरी जी, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और चारों साहिबजादों का साहस और आदर्श प्रत्येक भारतीय को शक्ति प्रदान करते रहते हैं। वीर बाल दिवस के मौके पर साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत की याद में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश उन वीर सपूतों को याद कर रहा है जो भारत के अदम्य साहस, वीरता और शौर्य के शिखर का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों का सर्वोच्च बलिदान क्रूर मुगल शासन के खिलाफ भारत के अदम्य साहस, शौर्य और वीरता की सर्वोच्च अभिव्यक्ति है।
वीर साहिबजादों ने उम्र और अवस्था की सीमाओं को तोड़ दिया
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज हम अपने राष्ट्र के गौरव, वीर साहिबजादों को याद करते हैं। वे भारत के अदम्य साहस और शौर्य के सर्वोच्च आदर्शों के प्रतीक हैं। उन वीर साहिबजादों ने उम्र और अवस्था की सीमाओं को तोड़ दिया। वे क्रूर मुगल शासन के खिलाफ चट्टान की तरह ऐसे खड़े रहे कि मजहबी कट्टरता और आतंक का वजूद ही हिल गया। जिस राष्ट्र के पास ऐसा गौरवशाली अतीत हो, जिसकी युवा पीढ़ी को ऐसी प्रेरणाएं विरासत में मिली हों, वह राष्ट्र क्या कुछ नहीं कर सकता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि साहिबजादों की उम्र उस समय काफी कम थी, लेकिन मुगल सम्राट औरंगजेब की क्रूरता पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।



