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सुप्रीम कोर्ट ने इंजीनियरिंग छात्रा से रेप-मर्डर के हत्यारे की मौत की सजा पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने इंजीनियरिंग छात्रा से रेप-मर्डर के हत्यारे की मौत की सजा पर लगाई रोक

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक फैसले में रेप और मर्डर के दोषी की मौत की सजा पर रोक लगा दी। आरोपी ने झारखंड की राजधानी रांची में 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी। मामले में दोषी ठहराते हुए 30 वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई गई थी।

फैसला सुनाते हुए शीर्ष अदालत ने क्या कहा?

न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले के निचली अदालत और हाई कोर्ट के रिकॉर्ड की अनुवादित प्रति मांगी। साथ ही न्यायालय ने कहा कि मृत्युदंड की तामील पर रोक रहेगी। रजिस्ट्री से आदेश देते हुए पीठ ने निचली अदालत और हाई कोर्ट से रिकॉर्ड की प्रति प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया।

यह मामला 15 दिसंबर 2016 का है, जब 19 वर्षीय छात्रा के साथ रेप करने के बाद उसे गला घोंट कर हत्या कर दी गई थी। फिर शव को जलाकर नष्ट करने की कोशिश की गई थी। घटना के तीन साल बाद दिसंबर 2019 में निचली अदालत ने आरोपी राहुल कुमार उर्फ ​​राहुल राज को मौत की सजा सुनाई थी। झारखंड हाई कोर्ट ने 9 सितंबर 2023 को निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए सजा की पुष्टि की थी। राहुल कुमार बिहार के नवादा जिले का निवासी है।

हत्या के दोषी को आजीवन कारावास

वहीं, एक अन्य खबर में उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक अदालत ने पुरानी दुश्मनी के चलते नाबालिग लड़के के अपहरण और हत्या के दोषी तीन व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सत्र न्यायाधीश अभय प्रताप की अदालत ने सागर मधेशिया, विष्णु मधेशिया और मुकेश मधेशिया को हत्या का दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने प्रत्येक आरोपी पर 40,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता पुरनेंदु त्रिपाठी के अनुसार, इस मामले में अभियुक्तों ने 17 वर्षीय अमन मधेशिया का अपहरण किया था और बाद में उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। यह घटना निचलौल थाना क्षेत्र में हुई थी। आरोपीयों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 364 (अपहरण), 302 (हत्या), 120B (साजिश) और 201 (साक्ष्य नष्ट करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

 

Author Desk

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